कोटा में 29वां सुसाइड! छात्रा ने लगाई फांसी, 500km दूर बैठे पिता को हुआ था शक
कोटा
कोचिंग नगरी में बुधवार रात को फिजिक्स वाला जवाहर नगर थाना क्षेत्र में कोचिंग छात्रा ने अपने गले में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली पुलिस ने सबको मोर्चरी में रखवाया है और उसके परिजनों को सूचना कर दी है कोचिंग छात्रा फिजिक्स वाला कोचिंग संस्थान से नीट की तैयारी कर रही थी।
पिता से फोन पर बात हुई और फिर लगा ली फांसी
बताया जा रहा कि निशा कोटा में रहकर निजी कोचिंग से मेडिकल की तैयारी कर रही थी. पहले इन्द्रविहार इलाके में रहती थी. 18 नवंबर को ही निशा हॉस्टल बदलकर महावीर नगर प्रथम इलाके में रहने आई थी. इस दौरान उसके पिता भी साथ थे. निशा के पिता 6 दिन कोटा रुककर 23 नवंबर को वापस लौटे थे. देर रात भी निशा ने अपने पिता से फोन पर बात की थी. उसके बाद कमरे में फांसी लगा ली.
पिता ने दोबारा फोन किया तो निशा ने फोन नहीं उठाया. पिता को शक हुआ तो उन्होंने रात 1 बजे हॉस्टल स्टाफ को फोन कर निशा से बात कराने को कहा. हॉस्टल स्टाफ के गेट बजाने पर निशा ने दरवाजा नहीं खोला. स्टाफ ने हॉस्टल संचालक को इसकी सूचना दी. जब गेट तोड़ा गया तो निशा फंदे पर लटकी हुई थी. इस हॉस्टल में 19 कमरे हैं और करीब 12 गर्ल्स स्टूडेंट्स यहां रहती हैं. निशा के सुसाइड करने से सभी गुमसुम हैं.
तीन दिन पहले भी कोटा में सुसाइड
कोटा में सोमवार को नीट की तैयारी कर रहे 20 वर्षीय छात्र ने सुसाइड किया था. छात्र दादाबाड़ी के वफ्फ नगर में किराये पर रहकर तैयारी कर रहा था और यहीं दादाबाड़ी की ही कोचिंग से पढ़ाई कर रहा था. वह पश्चिम बंगाल का रहने वाला था और पिछले साल ही कोटा आया था. हालांकि छात्र की आत्महत्या के पीछे की वजह का पता नहीं चल पाया है, पुलिस मामले की जांच कर रही है.
इस साल में कोटा में छात्र आत्महत्या के मामलों ने दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़े हैं. इस साल अक्टूबर 2023 तक 27 स्टूडेंट सुसाइड मामले सामने आए थे, जो नवंबर में बढ़कर 29 हो गए हैं. कोटा में लगातार बढ़ रहे स्टूडेंट सुसाइड मामलों को देखते हुए प्रशासन ने कई तरह के कदम उठाए हैं. छात्र-छात्राओं को घर जैसा माहौल देने और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हाई लेवल मीटिंग हो रही हैं. ताकि छात्र आत्महत्या जैसा खतरनाक कदम न उठा सके.
ये हैं गाइडलाइन
- कोचिंग संस्थानों में यदि क्लास रेगुलर चल रही है तो टेस्ट 21 दिन में और कोर्स पूरा होने पर टेस्ट 7 दिन में लेने होंगे.
- टेस्ट के अगले दिन आवश्यक रूप से छुट्टी रखी जाएगी इस नियम को शक्ति से लागू किया जाएगा.
- टेस्ट के बाद काउंसलिंग सेशन करना जरूरी होगा जो बच्चे एवरेज से नीचे कैटेगरी के हैं उनके लिए स्पेशल सेशन चलाया जाएगा.
- टेस्ट के रिजल्ट तीन दिन बाद जारी करने होंगे.
- टेस्ट के रिजल्ट को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा और इसे हर स्टूडेंट और पेरेंट्स को पर्सनली भेजा जाएगा रिजल्ट में रैंक सिस्टम को भी बंद कर दिया गया है.
- कोचिंग संस्थानों की ओर से होने वाले टेस्ट में स्टूडेंट की उपस्थिति उसकी इच्छा पर होगी यानी उसे टेस्ट देना ही है यह अनिवार्य नहीं होगा जो स्टूडेंट टेस्ट में शामिल होना चाहता है वह इसमें शामिल होगा और जो नहीं देना चाहता वह नहीं देगा यानी स्टूडेंट पर डिपेंड करेगा कि वह टेस्ट देना चाहे तो उसकी मर्जी नहीं कोई उसे फोर्स नहीं करेगा.
पुलिस ने बताया कि कोचिंग छात्रा निशा यादव (21) उत्तर प्रदेश के औरैया जिले की रहनी वाली थी। और महावीर नगर प्रथम इलाके में एक हॉस्टल में रहती थी। बुधवार रात को उसने कमरे में फांसी लगा ली।फिलहाल सुसाइड के कारण सामने नहीं आए है। शव को एमबीएस हॉस्पिटल की मोर्चरी में शिफ्ट करवाया है। परिजनों के आने के बाद शव का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा।
बताया जा रहा कि निशा कोटा में रहकर निजी कोचिंग से मेडिकल की तैयारी कर रही थी। पहले इन्द्रविहार इलाके में रहती थी। 18 नवंबर को ही निशा हॉस्टल बदलकर महावीर नगर प्रथम इलाके में रहने आई थी। इस दौरान उसके पिता भी साथ थे। निशा के पिता 6 दिन कोटा रुककर 23 नवंबर को वापस लौटे थे। देर रात भी निशा ने अपने पिता से फोन पर बात की थी। उसके बाद कमरे में फांसी लगा ली।
पिता ने दुबारा फोन किया तो निशा ने फोन नहीं उठाया। पिता को शक हुआ तो उन्होंने रात 1 बजे हॉस्टल स्टाफ को फोन कर निशा से बात कराने को कहा। हॉस्टल स्टाफ के गेट बजाने पर निशा ने दरवाजा नहीं खोला। स्टाफ ने हॉस्टल संचालक को इसकी सूचना दी। फिर गेट तोड़ा गया। निशा फांसी पर लटकी हुई थी। हॉस्टल में 19 कमरे है। करीब 12 गर्ल्स स्टूडेंट्स यहां रहती है।