तीन दिन बाद नतीजे, चुनाव न लड़ने वाले भी केवल दो विधायकों ने खाली किए आवास
भोपाल
तीन दिसंबर को आने वाले चुनाव परिणाम से प्रदेश के नए विधायकों की स्थिति साफ हो जाएगी। इस बीच यह बात भी सामने आई है कि चुनाव नहीं लड़ने वाले विधायकों ने अभी तक अपने बंगले खाली नहीं किए हैं। चूंकि वे चुनाव नहीं लड़ रहे हैं इसलिए वे नतीजों के बाद विधायक भी नहीं रह पाएंगे, लेकिन बंगले का मोह अभी भी उनसे नहीं छूट रहा है।
तीन दिन बाद विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजे आने वाले है। चुनाव आयोग द्वारा विजयी उम्मीदवारों के संबंध में अगले ही दिन अधिसूचना जारी हो जाएगी और इसके साथ ही विधानसभा सचिवालय में नये विधायकों के पंजीयन की प्रक्रिया शुरु हो जाएगी। प्रदेश के 34 विधायक और दो मंत्री ऐसे है जो विधानसभा चुनाव के लिए टिकिट नहीं मिल पाने के कारण चुनाव नहीं लड़ रहे है। इसके अलावा नतीजे बताएंगे कि कितने मौजूदा विधायक चुनाव हारने वाले है। चुनाव जीतते ही सभी विजयी विधायक विधानसभा पूल के 35 बंगलों और विधायकों के लिए बने पारिवारिक विश्रामगृह और खंड एक से लेकर तीन में आवास के लिए अपनी दावेदारी शुरु कर देंगे। लेकिन अभी तक चुनाव न लड़ने वाले दो विधायकों कुंवरजी कोठार और शिवदयाल बागरी के अलावा अधिकांश विधायकों द्वारा सरकारी आवास खाली नहीं किए जाने से सचिवालय का संकट बढ़ गया है। ऐसे में सचिवालय ने अन्य सरकारी महकमों से पचास रेस्ट हाउस, विश्राम गृह आवंटित करने की मांग की है।
विधानसभा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष तथा मंत्री बनने वाले विधायकों को राज्य सरकार सरकारी आवास उपलब्ध कराती है। विधानसभा के अध्यक्षीय पूल में पैतीस बड़े सरकारी बंगले और पारिवारिक विधायक विश्राम गृह में 96 तथा खंड एक से लेकर तीन तक में सौ विधायकों के रहने की व्यवस्था सचिवालय के पास रहती है। लेकिन नतीजे आने तक सभी विधायक उन्हें आवंटित आवासों पर काबिज है। ऐसे में निर्वाचित होंने वाले विधायकों के लिए आवासों की व्यवस्था करने में सचिवालय को एड़ी से चोटी तक का जोर लगाना पड़ रहा है।
चुनाव नहीं लड़ रहे इन विधायकों को पहले ही खाली कर देना था बंगले और विश्राम गृह
विधानसभा अध्यक्षीय पूल से जालम सिंह पटेल, राज्यवर्धन सिंह, आकाश विजयवर्गीय और पारस जैन को सरकारी बंगले आवंटित है उन्होंने अभी तक ये खाली नहीं किए है। इसके अलावा विधायक विश्रामगृह में रह रहे सीताराम आदिवासी, राकेश मावई, मेवाराम जाटव, रक्षा सिरोनिया, वीरेन्द्र रघुवंशी, गोपीलाल जाटव, रमेश प्रजापति, पुरुषोत्तम लाय तंतुवाय, श्यामलाल द्विवेदी, पंचुलाल प्रजापति, अमर सिंह, रामलल्लू वैश्य सुभाष रामचरित, नंदनी मरावी, देवी सिंह सैयाम, ब्रम्हा भलावी, लीना संजय जैन, राजश्री सिंह, रामचंद्र दांगी, पहाड़ सिंह कन्नोजे, देवेन्द्र वर्मा, राम दांगोरे, सुमित्रादेवी कास्डेकर, ग्यारसीलाल रावत, दिलीप कुमार मकवाना, देवीलाल धाकड़, जालम सिंह पटेल, रघुनाथ सिंह मालवीय, राज्यवर्धन सिंह, सुलोचना रावत, आकाश विजयवर्गीय, पारस जैन।