November 25, 2024

‘अच्छा है, उचित है’: ब्लिंकन ने सिख अलगाववादी की हत्या की कोशिश के आरोपों पर जांच को लेकर कहा

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'अच्छा है, उचित है': ब्लिंकन ने सिख अलगाववादी की हत्या की कोशिश के आरोपों पर जांच को लेकर कहा

वाशिंगटन
 अमेरिका ने अपनी धरती पर एक सिख अलगाववादी की हत्या की साजिश रचने में एक भारतीय अधिकारी के शामिल होने के आरोपों पर भारत की ओर से जांच कराए जाने की घोषणा को ''अच्छा और उचित'' करार दिया तथा कहा कि वह जांच के निष्कर्षों को लेकर आशान्वित है।

अमेरिका में संघीय अभियोजकों ने आरोप लगाया कि निखिल गुप्ता नाम के व्यक्ति ने एक भारतीय सरकारी अधिकारी के साथ मिलकर सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रची थी जो सफल नहीं हो पाई। पन्नू के पास अमेरिका तथा कनाडा की नागरिकता है।

भारत ने अमेरिकी धरती पर सिख अलगाववादी की हत्या की साजिश रचने के आरोपी व्यक्ति के साथ एक भारतीय अधिकारी को अमेरिका द्वारा जोड़े जाने को  ''चिंता का विषय'' बताया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि आरोपों की जांच के लिए गठित समिति के निष्कर्षों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अपने साथ तेल अवीव में मौजूद पत्रकारों से कहा, ''सरकार ने आज घोषणा की है कि वह जांच करा रही है, तो यह अच्छा है और उचित है। हम जांच के परिणाम को लेकर आशान्वित हैं।''

उन्होंने कहा, ''यह कानूनी मामला है। तो आप समझ सकते हैं कि मैं इस पर विस्तार से बातचीत नहीं कर सकता। मैं कह सकता हूं कि इसे हम बेहद गंभीरता से ले रहे हैं। हमने पिछले हफ्तों में भारत सरकार के सामने यह मुद्दा उठाया है।''

इस मामले में व्हाइट हाउस ने भी भारत की ओर से जांच कराए जाने की घोषणा का स्वागत किया है। इसने साथ ही कहा कि इससे भारत और अमेरिका के संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में रणनीतिक संचार मामलों के समन्वयक जॉन किर्बी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ''हम इन आरोपों को बेहद गंभीरता से लेते हैं और हम इस बात से प्रसन्न हैं कि भारत ने भी इसकी जांच कराने की घोषणा की है। हम बेहद स्पष्ट हैं कि इस कथित अपराध के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को जवाबदेह ठराया जाए।''

उन्होंने कहा कि इससे भारत और अमेरिका के संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

किर्बी ने एक सवाल के जवाब में कहा, ''मैं जारी जांच के बारे में कुछ नहीं कहूंगा। मैं बस दो बातें कहूंगा। भारत रणनीतिक साझेदार है और हम भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी को बेहतर तथा मजबूत करने के लिए काम करना जारी रखेंगे। साथ ही हम इसे बहुत गंभीरता से ले रहे हैं।''

अमेरिका : गुरुद्वारा प्रबंधन ने तरणजीत सिंह संधू के साथ हुए अभद्र व्यवहार के लिए माफी मांगी

वाशिंगटन
 अमेरिका में 'लॉन्ग आइलैंड गुरुद्वारा' प्रबंधन ने भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू के सप्ताहांत दौरे के दौरान संगत के कुछ सदस्यों द्वारा किए गए अभद्र व्यवहार के लिए उनसे माफी मांगी है।

न्यूयॉर्क में लॉन्ग आईलैंड हिक्सविले स्थित गुरुद्वारा गुरु नानक दरबार की प्रबंधन समिति ने 29 नवंबर को राजदूत को लिखे एक पत्र में कहा, ''किसी भी असुविधा के लिए हम माफी मांगते हैं और आपके अगले दौरे पर एक सहज अनुभव सुनिश्चित करने का वादा करते हैं।''

न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्यदूत रणधीर जायसवाल के साथ संधू ने रविवार 26 नवंबर को लॉन्ग आइलैंड गुरुद्वारे का दौरा किया था।

गुरुद्वारा प्रबंधन समिति ने अपने पत्र में कहा, ''यह खेद की बात है कि आपके दौरे के दौरान एक घटना घटी। हम, लॉन्ग आइलैंड हिक्सविले स्थित गुरुद्वारे-गुरु नानक दरबार का प्रबंधन, संगत और आदरणीय ज्ञानी गुरबख्श सिंह गुलशन जी ऐसी घटनाओं की कड़ी निंदा करते हैं।''

उन्होंने कहा, ‘हम आपको आश्वस्त करते हैं कि हम आपके अगले दौरे के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरतेंगे और ऐसी किसी भी घटना को रोकने के लिए उपाय करेंगे।’

नेपाली विमानन कंपनियां यूरोपीय यूनियन की काली सूची में बरकरार

काठमांडू
 यूरोपीय यूनियन (ईयू) ने नेपाल के नागरिक उड्डयन क्षेत्र को काली सूची में बनाए रखा है। वर्ष 2013 से लगातार नेपाल की विमानन कंपनियां यूरोपीय यूनियन की काली सूची में शामिल हैं।

यूरोपीय यूनियन ने  उन एयरलाइनों की एक नई सूची प्रकाशित की है जो उड़ान सुरक्षा चिंताओं की सूची में हैं, जिसमें वे सभी एयरलाइनें शामिल हैं जो नेपाल नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के साथ पंजीकृत हैं और विमानों का परिचालन कर रही हैं। नेपाली एयरलाइंस को 2013 से इस सूची में शामिल किया गया था। काली सूची में शामिल एयरलाइनों को यूरोपीय यूनियन के देशों के हवाई क्षेत्र में उड़ान भरने की अनुमति नहीं है।

यूरोपीय यूनियन द्वारा नेपाल की विमानन कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किए जाने का मुख्य कारण हवाई उड़ानों की अंतरराष्ट्रीय नियामक संस्था अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) के मानक पर खरा नहीं उतरना है। हालाकि नेपाल ने दावा किया है कि उसने आईसीएओ की अधिकतर चिंताओं का समाधान कर दिया है।

नेपाल के नागरिक उड्डयन मंत्री सुदन किरांती ने कई सार्वजनिक कार्यक्रमों और यहां तक कि संसद में भी दावा किया था कि इस बार विमानन कंपनियों को काली सूची से मुक्ति मिलेगी। इसके लिए नेपाल नागरिक उड्यन प्राधिकरण के अधिकारियों ने सालभर लॉबिंग की थी। नेपाल आने वाले ईयू के प्रतिनिधिमंडल के सामने भी कई बार यह विषय उठाया गया, लेकिन अभी तक नेपाली एयरलाइंस ब्लैकलिस्ट ही हैं। ईयू के इस फैसले से नेपाल एयरलाइंस को सबसे बड़ा झटका लगा है।

 

 

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