हार के बाद समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव पर फोकस कर रही, अखिलेश यादव बोले- अभी लंबी चलेगी लड़ाई
लखनऊ
चार राज्यों में मिली करारी हार के बाद अब समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव पर फोकस कर रही है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक दिवासीय वाराणसी दौरे पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने एक नया नारा दिया है। उन्होंने कहा कि 'हर घर बेरोजगार मांगे रोजगार' के नारे के साथ समाजवादी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव के लिए जनता के बीच जाएगी।
मुरदहा स्थित नेशनल इक्वल पार्टी के कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद मीडिया के साथ बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा कि बेरोजगारी की समस्या वर्तमान में भी पहले की तरह ही जटिल और विकराल है। भाजपा सरकार दिखावे के लिए रोजगार बांटने का नाटक कर रही है। जितने भी लोगों को नौकरी दी जा रही है उनकी पड़ताल कर ली जाए तो हकीकत सामने आ जाएगी। चार राज्यों में हार के बाद सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा कि राजनीति में इस तरह के परिणाम आते रहते हैं। हम परिणाम को स्वीकार करते हैं। लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए की लड़ाई अभी बहुत लंबी है। यह चुनाव परिणाम उन राज्यों के हैं जहां के लोग अभी भाजपा के शासनकाल से पूरी तरह परिचित नहीं है। जिन राज्यों में भाजपा का शासन है वहां की जनता से वहां हकीकत पूछिए तो बात समझ में आएगी।
कांग्रेस से गठबंधन के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में गठबंधन को लेकर बात नहीं बन पाई थी। मध्य प्रदेश की परिस्थितियां बिल्कुल अलग हैं। लोकसभा चुनाव में क्या स्थितियां बनेंगी यह आने वाला वक्त ही बताएगा। ईवीएम को लेकर उठ रहे सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि हमारे लैपटॉप अभी चल रहे हैं। जल्द ही हम इस बारे में भी कुलसी करेंगे। मतगणना का तरीका हमें जापान और अमेरिका से सीखना चाहिए। वहां एक महीने काउंटिंग होती है। कांग्रेस के सनातन विरोध पर निशाना साधते हुए सपा प्रमुख ने कहा कि हम सब लोग सनातन धर्म को मानने वाले हैं। खास बात तो यह है कि जो लोग सनातन का विरोध कर रहे हैं मुझे भूल गए हैं कि उनकी जे भी सनातन धर्म से ही जुड़ी हैं।
विधानसभा चुनाव में सपा का प्रदर्शन
चार राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का बुरा प्रदर्शन रहा है। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और राजस्थान में खाता तक नहीं खोल पाई। अगर वोट प्रतिशत की बात करें तो छत्तीसगढ़ में सपा को 0.04 फीसदी, राजस्थान में 0.01 फीसदी और मध्य प्रदेश में 0.46 फीसदी वोट मिले हैं।