पीडब्लूडी के एडीबी प्रोजेक्ट की 24 सड़कों का निर्माण अभी भी अधूरा
रायपुर
लोक निर्माण विभाग के एडीबी प्रोजेक्ट की सड़कों का निर्माण पूरा कराने को लेकर ऊहापोह मचा हुआ है। क्योंकि जब तक एडीबी के लोन-3 के तहत 3000 करोड़ की 869.35 किमी की सड़कों का निर्माण नहीं हो जाता है, तब तक नई सड़को के निर्माण की स्वीकृति नहीं मिलेगी। चौंकाने वाली बात यह है कि जिन 24 सड़कों का निर्माण 2019 में शुरू हुआ, वह अभी तक 50 फीसदी ही हो पाया है। वजह यह है कि निर्माण के रास्ते में कई तरह के रोड़े हैं, जिसे विभाग के अधिकारी निराकरण करने के बजाय आनाकानी में लगे रहे। नतीजा, कॉन्ट्रैक्टरों ने करोड़ों रुपए के निर्माण कार्य ठप कर दिए हैं।
विभाग के अनुसार एडीबी लोन-3 पैकेज के तहत शहरों से गांवों को जोड?े वाली ऐसी 25 सड़कों के निर्माण की स्वीकृति 2018 में मिली थी। इसके लिए एडीबी से 3536 करोड रुपए का लोन स्वीकृत हुआ था। इसमें 869.35 किलोमीटर सड़कों का निर्माण कराया जाना था। एडीबी से मिले करोड़ों रुपए के इस लोन पैकेज में 85 प्रतिशत हिस्सेदारी केंद्र सरकार तथा 15 प्रतिशत की भागीदारी राज्य सरकार की है। सड़कों के निर्माण के लिए एडीबी प्रोजेक्ट के अधिकारियों को समय रहते भू अर्जन करने के साथ ही पर्यावरण विभाग से अनुमति लेकर रोड के रास्ते के पेड़ों की कटाई जैसे कार्य कराने थे, लेकिन वह काम हुआ नहीं। इसलिए निर्माण बीच में ही अटका रहा। विभाग की समीक्षा में यह सामने आया कि पिछले 3 सालों में केवल 50 प्रतिशत ही निर्माण हुआ। जबकि 2024 तक पूरा कराने की चुनौती है। वरना नई सड़कों के लिए एडीबी से लोन पर पाबंदी लगने से इनकार नहीं किया जा सकता है।वहीं विभाग के अफसरों के अनुसार निर्माण में तेजी लाने का प्रयास किया जा रहा है। 25 सड़कों में से एक 90 किलोमीटर की एक सड़क का मामला टेंडर प्रक्रिया को लेकर कांट्रेक्टर ने कोर्ट में याचिका दायर की है, इसलिए लंबित है।
कांट्रेक्टरो ने अधिकारियों को घेरा, जीएसटी और एस्केलेशन के लिए अड़े–
इधर, छत्तीसगढ़ कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन ने विभाग के अफसरों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिया है। बैठक कर उन्हें चेता दिया है कि जब तक बढ़ी हुई 6 प्रतिशत जीएसटी और एस्केलेशन मामले का निराकरण नहीं किया जाता है, तब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं होगा। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बीरेश शुक्ला ने अधिकारियों के रवैए को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि लोन-4 के तहत 2300 करोड़ की सड़कों की स्वीकृति पर खतरा मंडरा रहा है। 2023 में राज्य में चुनाव होना है। यदि लोन-3 पैकेज के तहत मिले 3000 करोड़ की लागत वाली सड़कों का काम पूरा नहीं हुआ तो ना तो लोकार्पण हो पाएगा और ना ही किसी नए प्रोजेक्ट का भूमिपूजन होगा। इसका सीधा असर राज्य सरकार की छवि पर पड़ेगा। ऐसी स्थिति विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की वजह से निर्मित हो रही है।