हुर्रियत नेता मीरवाइज को नहीं मिली नमाज के लिए घर से बाहर निकलने की इजाजत, जमा मस्जिद में देना था भाषण
श्रीनगर।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार को हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक को अपना आवास छोड़ने और जामा मस्जिद में एक सभा को संबोधित करने की अनुमति नहीं दी। 4 अगस्त, 2019 से नजरबंद मीरवाइज ने शुक्रवार दोपहर को अपना आवास छोड़ने को कोशिश की, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने श्रीनगर के निगीन इलाके में उनके आवास के अंदर ही उनकी गोड़ी रोक दी। इस बीच कश्मीर के मुख्य मौलवी ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने उन्हें तीन साल से अधिक समय से नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं दे रही है। उन्होंने इसे मानवाधिकारों और धार्मिक अधिकारों का दमन करार दिया है।
मीरवाइज ने पुलिस अधिकारियों से कहा, "अगर सरकार कह रही है कि सब कुछ सामान्य है और कश्मीर में लोग खुश हैं तो मुझे भी इस खुशी में शामिल होने दें। मुझे अपने लोगों से मिलने दें। मुझे बिना किसी औपचारिक स्पष्टीकरण के यहां कैद कर दिया गया है।" अधिकारियों ने उन्हें उनके आवास से बाहर नहीं जाने देने के लिए सुरक्षा कारणों का हवाला दिया।
आपको बता दें कि इस महीने की शुरुआत में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक अंतरराष्ट्रीय समाचार चैनल को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, 'मीरवाइज घर में नजरबंद नहीं थे और उनकी सुरक्षा के लिए उनके आवास के आसपास पुलिस तैनात थी।' उन्होंने कहा था कि मीरवाइज तय करें कि उन्हें क्या करना है।
मीरवाइज ने कहा, "एलजी साहब के अलावा किसी ने भी पूरी जिम्मेदारी के साथ स्पष्ट रूप से नहीं कहा है कि मैं एक स्वतंत्र व्यक्ति हूं। आप मुझे बाहर जाने की अनुमति क्यों नहीं दे रहे हैं? मैं अपने लोगों से मिलना चाहता हूं। मुझे लिखित रूप में दें कि मुझे यह जगह छोड़ने की अनुमति नहीं है। ताकि मैं आगे की कार्रवाई कर सकूं। मैं लोगों और अदालत से भी संपर्क कर सकता हूं।"