November 30, 2024

अश्वत्थामा का किरदार निभायेगे शाहिद कपूर!

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अश्वत्थामा का किरदार निभायेगे शाहिद कपूर!

मुंबई
 बॉलीवुड अभिनेता शाहिद कपूर सिल्वर स्क्रीन पर अश्वत्थामा का किरदार निभाते नजर आ सकते हैं। निर्देशक आदित्य धर ने इम्मोर्टल आफ अश्वत्थामा बनाने की घोषणा की थी और उनका इरादा विक्की कौशल को अश्वत्थामा की भूमिका में लेने का था। लेकिन बजट की दिक्कतों की वजह से उन्हें इस प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डालना पड़ा। चर्चा है कि वासु भगनानी और जैकी भगनानी इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि शाहिद कपूर को फिल्म के लिए पहले ही साइन कर लिया गया है।

 यह फिल्म हिंदू महाकाव्य महाभारत पर आधारित है और गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा की जिंदगी को चित्रित करेगी। अश्वत्थामा के पात्र को निभाने के लिए शाहिद कपूर को गहन शारीरिक प्रशिक्षण से गुजरना होगा। फिलहाल फिल्म की पटकथा पर काम चल रहा है। यदि सब ठीक रहा तो फिल्म की शूटिंग अगले साल अगस्त मे आरंभ होने की संभावना है। फिल्म के निर्देशन की कमान कन्नड़ फिल्ममेकर सचिन रवि को सौंपी गई है।

इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म पर छाई शाहरुख खान की जवान, अस्त्र अवॉर्ड में नॉमिनेट होने वाली बनी इकलौती इंडियन फिल्म

मुंबई
 शाहरुख खान की जवान ने अपनी कमाई से बॉक्स ऑफिस को हिला डाला था. सिनेमाघरों के अलावा एटली की इस मल्टीस्टारर फिल्म ने ओटीटी पर भी अपना जलवा कायम रखा था. वहीं रिलिज के इतने महीनों बाद भी जवान ने एक और मुकाम हासलि कर लिया है. शाहरुख खान की इस ब्लॉकबस्टर फिल्म को इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म पर एक बड़ी सफलता मिली है. जी हां, किंग खान और दीपिका पादुकोण की फिल्म ने अस्त्र फिल्म एंड क्रिएटिव आर्ट्स अवॉर्ड में अपनी जगह बनाई है.

जवान को अस्त्र अवॉर्ड 2024 में बेस्ट फीचर कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया है. इसी के साथ शाहरुख की फिल्म जवान अस्त्र फिल्म एंड क्रिएटिव आर्ट्स अवॉर्ड में बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म के लिए नॉमिनेट होने वाली इकलौती इंडियन फिल्म बनी है.बता दें कि हाल ही में द हॉलीवुड क्रिएटिव अलाइंस ने उनके अस्त्र फिल्म एंड क्रिएटिव आर्ट्स अवॉर्ड की अनाउंसमेंट की है, जहां अलग अलग देशों के फिल्मों के नाम शामिल हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस अवॉर्ड्स शो के विनर्स की लिस्ट अमेरिका में लॉस एंजेलिस में 26, 2024 में आउट की जाएगी.

कड़क सिंह से पंकज त्रिपाठी की शानदार अदाकारी ने जमाया रंग, अंत तक बांधे रखेगा सस्पेंस

मुंबई
 पंकज त्रिपाठी को पर्दे पर देखने के लिए प्रशंसक काफी उत्सुक रहते हैं तो अब वह अपनी फिल्म कड़क सिंह के साथ हाजिर हो गए हैं। यह एक थ्रिलर फिल्म है, जिसमें अभिनेता का अलग अवतार देखने को मिला है।8 दिसंबर को जी5 पर दस्तक देने वाली इस फिल्म के निर्देशन की कमान पिंक और लॉस्ट जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके अनिरुद्ध रॉय चौधरी ने संभाली है।आइए अब जानते हैं कि पंकज की यह फिल्म कैसी है।फिल्म की शुरुआत वित्तीय अपराध विभाग के अधिकारी एके श्रीवास्तव (पंकज) से होती है, जो खुद को एक अस्पताल में पाता है, जहां उसे भूलने की बीमारी के बारे में पता चलता है।अब उसके साथ क्या हुआ और वह अस्पताल में कैसे पहुंचा, उसे कुछ याद नहीं है।

 ऐसे में उसके आसपास 4 अलग-अलग कहानियां शुरू होती है।इसमें उसकी बेटी साक्षी (संजना संघी), प्रेमिका नैना (जया अहसन), सहकर्मी अर्जुन (परेश पाहुजा) और बॉस त्यागी (दिलीप शंकर) शामिल है।इसके बाद श्रीवास्तव उर्फ कड़क सिंह अस्पताल की नर्स (पावर्थी थिरोवोथु) के साथ मिलकर यह पता लगाने में जुट जाता है कि सच्चाई क्या है और वह किस पर विश्वास कर सकता है।साथ ही उसे चिटफंड घोटाले के बारे में पता चलता है और वो अतीत के बिखरे हुए पन्नों को समेटकर उसे सुलझाने की कोशिश करता है।अब कड़क सिंह इस पहेली को सुलझा पाएगा या इसमें ही उलझा रहेगा, ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।

पंकज ने इस फिल्म के साथ एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह किसी भी किरदार में आसानी से ढल जाते हैं और उसे अपना बना लेते हैं। शुरू से लेकर अंत तक पंकज अपने किरदार के साथ न्याय करते हैं।संजना भी बेटी की भूमिका में अच्छी लगती हैं और अपने हाव-भाव को बखूबी पर्दे पर दर्शाती हैं।पंकज की प्रेमिका के रूप में जया, नर्स बनी पावर्थी और सभी सहायक किरदारों का प्रदर्शन भी बढिय़ा हैं।निर्देशक अनिरुद्ध, विराफ सरकारी और रितेश शाह द्वारा लिखित इसकी कहानी पूरी फिल्म में आगे-पीछे चलती है।

 जब भी कोई नया पात्र श्रीवास्तव से मिलता है तो उसके साथ की कहानी फ्लैशबैक में चली जाती है, जिसे बड़ी ही कुशलता से निर्देशक दिखाने में सफल रहे।2 घंटे 8 मिनट की यह फिल्म अपना सस्पेंस बनाए रखने में कामयाब रहती हैं और अंत तक आपको बांधे रखती है। अस्पताल में दिखाया गया हंसी-मजाक फिल्म को थोड़ा हल्का महसूस कराता है।फिल्म में सभी कलाकारों का प्रदर्शन शानदार है, लेकिन दूसरे भाग में सारा फोकस घोटाले पर केंद्रित हो जाता है और वे कहीं खो से जाते हैं।

 बेटी की कहानी को कमोबेश भुला दिया जाता है तो बेटे का किरदार सही से गढ़ा ही नहीं गया।फिल्म की शुरुआत जितनी अच्छी हुई थी, उतनी ही यह बीच में धीमी होने लगती है। हालांकि, आखिर के 30 मिनट में पूरी फिल्म का निचोड़ है, जो फिर से इसमें जान डालते हैं।कड़क सिंह की स्क्रीनिंग भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) 2023 में भी हुई थी, जिसमें सभी सितारों ने हिस्सा लिया। यहां फिल्म की काफी प्रशंसा हुई थी। आईएफएफआई के 54वें संस्करण का आयोजन गोवा में 20 से 28 नवंबर तक हुआ था।

 

 

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