November 22, 2024

नीतीश कुमार का लोकसभा चुनाव के पहले ‘राष्ट्रीय अभियान’, निकाले जाने लगे मायने

0

पटना
विपक्षी दलों के गठबंधन 'इंडिया' में शामिल और बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड के नेता नीतीश कुमार हाल ही में पांच राज्यों के चुनाव परिणाम के बाद सक्रिय नजर आने लगे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार के खिलाफ लोगों का समर्थन प्राप्त करने के लिए एक अभियान की योजना बनाई है, जिसकी शुरुआत वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से 24 दिसंबर को करेंगे। जदयू के नेता इस अभियान को भले 2024 के लोकसभा चुनाव से जोड़कर बता रहे हैं, लेकिन इसके कई तरह के मायने भी निकाले जाने लगे हैं। जदयू के नेता की माने तो नीतीश जहां 24 दिसंबर को वाराणसी में एक जनसभा को संबोधित करेंगे, वहीं अपने अभियान के तहत वह महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, झारखंड और गुजरात का भी दौरा करेंगे।

नीतीश अगले साल पड़ोसी राज्य झारखंड के रामगढ़ में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करेंगे। जदयू के नेता इस अभियान को इंडिया गठबंधन से अलग बता रहे हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि जदयू का अन्य राज्यों में कोई अस्तित्व नहीं है तो नीतीश के अभियान पर निकलने के क्या मायने हैं। जदयू ने यूपी चुनाव और हाल में हुए एमपी के चुनाव में अपने प्रत्याशी जरूर उतारे थे, लेकिन अधिकांश प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। ऐसे में भाजपा नीतीश कुमार को यूपी से चुनाव लड़ने की चुनौती भी दे रही है।

माना जा रहा है कि पांच राज्यों के चुनाव परिणाम के आने के बाद कांग्रेस बैकफुट पर है, जिसका लाभ उठाने के लिए जदयू ने ऐसी रणनीति बनाई है। इसमें कोई शक नहीं कि सभी भाजपा विरोधी दलों को एक मंच पर लाने के सूत्रधार नीतीश कुमार को माना जाता है। लेकिन, पटना की बैठक को छोड़कर इस गठबंधन का नेतृत्व कांग्रेस करती दिखी। ऐसे में नीतीश इस अभियान के जरिए कांग्रेस सहित अन्य सहयोगी दलों को एक संदेश देना चाहते हैं।

भाजपा के प्रवक्ता राकेश कुमार सिंह कहते हैं कि नीतीश की राजनीति में अस्तित्व समाप्त हो चुका है। अब वे अपने ' नेशनल ड्रीम' को पूरा करने को लेकर पैंतरे कर रहे हैं। उन्होंने तंज करते हुए कहा कि बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी, अन्य प्रदेश में कोई नामलेवा नहीं। ऐसे पार्टी के नेता अगर राष्ट्रीय स्तर पर सपना देखे तो भगवान ही मालिक।

जदयू के नेता और बिहार के मंत्री जमा खान ने कहा कि नीतीश कुमार की वाराणसी में रैली की घोषणा होते ही भाजपा वालों को सर्दी में भी पसीना आ रहा है। यह रैली अंगड़ाई है। बिहार में हमेशा इतिहास लिखा गया है। हमारे नेता विकास के लिए जाने जाते हैं, जाति के लिए नहीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *