November 22, 2024

सीएम बने भजनलाल शर्मा के पीछे है चंद्रशेखर का हाथ, पर्दे के पीछे रहकर खिलाया कमल

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सांगानेर.

48 हजार से ज्यादा मतों से भजनलाल शर्मा चुनाव जीते और उसके बाद अचानक से जब विधायक दल की बैठक हो रही थी तब सबसे आखिरी पंक्ति में बैठने वाले भजनलाल शर्मा को राजस्थान के मुख्यमंत्री का ताज पहनाया गया। इन सब के पीछे किस व्यक्ति की रणनीति थी, उस व्यक्ति की रणनीति को समझना जरूरी है और किस तरह से रणनीति बनाई गई, इसे भी समझना जरूरी है।

बता दें कि जब राजस्थान में वसुंधरा राजे की सरकार थी, राजस्थान में बीजेपी के संगठन महामंत्री को बदल गया था। यहां पर चंद्रशेखर के रूप में नए महामंत्री की नियुक्ति हुई थी। चंद्रशेखर को ग्रास रूट पर संगठन के लिए काम करते हुए उत्तर प्रदेश में काफी समय हो गया था। चंद्रशेखर सितंबर 2017 से राजस्थान में काम कर रहे हैं। चंद्रशेखर आरएसएस के प्रचारक हैं और उनके प्रयासों से साल 2018 में लोकसभा चुनाव में पार्टी को बड़ी जीत मिली थी। इसके बाद अब विधानसभा चुनाव में उन्होंने पूरा पासा पलट दिया है।

एक-एक कार्यकर्ता से की मुलाकात
जब राजस्थान में चंद्रशेखर की नियुक्ति हुई तब उन्होंने यहां की रणनीति को समझने को लिए पूरी तरह से जुट गए थे। लगातार उन्होंने राजस्थान बीजेपी कार्यालय में रहकर कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इतना ही नहीं जो कार्यकर्ता अध्यक्ष से नहीं मिल सकते थे, जिनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा था, उन सभी कार्यकर्ताओं से चंद्रशेखर मिलते थे। वो उनकी एक-एक बात को सुनते थे, जिस कार्यकर्ता की कोई भी समस्या होती थी, चंद्रशेखर उसका समाधान भी करते थे। यहां तक की प्रदेश अध्यक्ष से संबंधित समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष को निर्देशित भी करते थे।

बीजेपी को मजबूत बनाना है
चंद्रशेखर ने यह तय किया था कि बीजेपी को मजबूत किया जाए। बीजेपी के कार्यकर्ताओं को वहां पर मजबूत किया जाए। जहां से मतदाताओं को बुलाया जाता है, जो डेडिकेट कार्यकर्ता हैं, उनकी सुनवाई चंद्रशेखर ने की। संगठन महामंत्री के रूप में चंद्रशेखर ने जो काम किया वह ऐतिहासिक रहा है। चंद्रशेखर राजस्थान में सबसे बड़े संगठनकर्ता के रूप में उभर कर निकले और उन्होंने यहां से सीधी रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा को दी।

भजनलाल को बखूबी जानते थे चंद्रशेखर
आज भजनलाल शर्मा की जो कार्य प्रणाली है उनकी जो मेहनत है, परिश्रम है, उसे चंद्रशेखर बखूबी जानते हैं। चंद्रशेखर ने यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा तक भी पहुंचाई। जब राजस्थान में भाजपा विपक्ष में थी तब से लेकर अब तक जितनी भी सभा, चाहे वो प्रधानमंत्री की हो, गृहमंत्री अमित शाह की हो इन सारी सभाओं को मैनेज करने का काम चंद्रशेखर के साथ भजनलाल शर्मा ने किया।

राजस्थान के बनकर निकले सिरमौर
जब पूरे भाजपा नेता मंडल एक दूसरे को अपने रास्ते से हटाने में लगे हुए थे, तब भजन लाल शर्मा चंद्रशेखर के कहने पर सिर्फ पार्टी को मजबूत करने में लगे हुए थे। कहा जाता है कि भजनलाल शर्मा को किसी भी इनाम की लालसा नहीं थी और ना कभी चंद्रशेखर ने किसी इनाम की चर्चा भजनलाल के साथ की थी। चुनाव के बाद जब चंद्रशेखर से उनकी राय मांगी गई तो उन्होंने अपनी राय प्रस्तुत करते हुए भजनलाल का नाम आगे कर दिया और भजन लाल तमाम दिग्गजों को पीछे छोड़ते हुए भाजपा राजस्थान के सिरमौर बनकर निकले।

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