नकल रोकने के लिए होगा AI का उपयोग, पकड़े गए तो 3 साल तक नहीं दे पाएंगे परीक्षा
पटना
बिहार पुलिस अधीनस्थ सेवा आयोग (बीपीएसएससी) उप-निरीक्षकों के 1,275 पदों पर भर्ती के वास्ते प्रारंभिक परीक्षा के दौरान नकल रोकने के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) द्वारा संचालित प्रणाली का इस्तेमाल करेगा। प्रारंभिक परीक्षा में रविवार को लगभग 6.60 लाख परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं। परीक्षा दो पालियों में है।
बीपीएसएससी के अध्यक्ष के एस द्विवेदी ने बताया बीपीएसएससी राज्य के सभी 38 जिलों के सभी 613 केंद्रों में परीक्षा के दौरान नकल का पता लगाने और उसे रोकने के लिए एआई संचालित प्रणालियों का उपयोग करेगा। एआई-संचालित प्रणाली परीक्षा के दौरान छात्रों पर नजर रखने के लिए चेहरे की पहचान करने, आंखों पर नजर रखने और अन्य तरीकों का उपयोग कर सकती है।
एस द्विवेदी ने बताया कि 16,500 सीसीटीवी कैमरों की मदद से सभी केंद्रों के परीक्षार्थियों, पर्यवेक्षकों, प्रशासकों और निकास-प्रवेश द्वारों पर नजर रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि कोई परीक्षार्थी परीक्षा में अनुचित साधनों के इस्तेमाल और कदाचार में लिप्त पाया जाता है, तो वह अगले तीन साल तक आयोग की परीक्षा नहीं दे पाएगा।