September 24, 2024

पार्षदी के टिकट के लिए 5 लाख की मांग का कथित ऑडियो किया था वायरल, आक्रामक हुई भाजपा

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ग्वालियर
टिकिट के बदले पैसे मांगे जाने वाले कथित आॅडियो को लेकर अब भाजपा हमलावर हो गई है और पार्टी के एक प्रतिनिधि मंडल ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से भेंट कर इसे फर्जी करार देते हुए कांग्रेस नेता नरेन्द्र सलूजा के लिखाफ मामला दर्ज करने की मांग की है। वहीं इस मामले में पार्टी के भीतर उन नेताओं की पहचान भी किए जाने का दावा किया जा रहा है, जिनकी बातचीत का यह आॅडियो बताया जा रहा है।

दरअसल मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष नरेन्द्र सलूजा ने एक आॅडियो जारी कर यह दावा किया था कि यह आॅडियो भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य जयप्रकाश राजौरिया का है। भाजपा ने इस पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा है कि यह ट्विटर के माध्यम से झूठा आरोप लगाकर पार्टी के वरिष्ठ नेता की छवि को धूमिल करने का कुत्सित प्रयास है जो सरासर मानहानि एवं अपराध की श्रेणी में आता है। पार्टी की ओर से कहा गया है कि नरेन्द्र सलूजा बिना किसी तथ्यों के आधार पर ऐसे झूठे आरोप लगाने के आदी हो गए हैं। इस आॅडियो क्लिप का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पार्टी का कोई लेना देना नहीं है। भाजपा नेताओं ने पत्र के माध्यम से पुलिस अधीक्षक अमित सांघी से इस झूठे आॅडियो की जांच कर कांग्रेस नेता सलूजा के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध किए जाने की मांग की है।

उधर भाजपा में खलबली
इस बीच वायरल आॅडियो को लेकर बीजेपी में खलबली मच गई है। बताया जाता है कि यह आॅडियो वार्ड 21 से संबंधित है। पार्टी के अंदरखाने से छनकर आ रहीं खबरों के मुताबिक यह आॅडियो पार्टी के एक जिला पदाधिकारी के करीबी मोनू नाम के व्यक्ति और वहां से नगर निगम चुनाव में पार्षदी के लिए टिकट मांग रहे एक भाजपा कार्यकर्ता के बीच बातचीत का बताया जा रहा है। हालांकि इससे वो दोनों ही अब पल्ला झाड़ रहे हैं। इस बीच इसको लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता का नाम घसीटे जाने पर हमलावर हुई भाजपा की ओर से की जा रही वॉयस सैम्पल की मांग के बाद पूरे मामले का पटाक्षेप होने के आसार हैं।

पहले भी मची थी हलचल
बता दें कि इससे पहले भी बीजेपी में अमित सूरी ने भी आॅडियो-वीडियो जारी किया था, जिसमें उसने पार्षदी के उम्मीदवारों से भाजपा पदाधिकारी के खाते में पैसे जमा कराए जाने का खुलासा किया था। इसको लेकर पार्टी में कई नेताओं की जमकर फजीहत हुई थी और उन्हें सफाई देना पड़ी थी। हालांकि बाद में उस पर लीपापोती भी खूब की गई।

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