September 27, 2024

व्यंग्यकार राजेंद्र यादव को डॉक्टरेट की मानद उपाधि, व्यंग्य क्षणिकाओं से उठाए गंभीर मुद्दे

0

दौसा/जयपुर.

हरियाणा के महेंद्रगढ़ के एक छोटे से गांव बेवल में जन्मे आजाद  की गिनती देश के अग्रणी साहित्यकारों में है। लेखन के शुरुआती दौर में यादव ने पत्रकारिता के साथ ही साहित्य लेखन शुरू किया। उन्होंने अपनी क्षणिकाओं के माध्यम से छोटी-छोटी समस्याओं को मुद्दा बनाकर व्यंग्य के रूप में उठाया। वर्तमान में शिक्षा विभाग में कनिष्ठ लिपिक के पद पर कार्यरत यादव के लिखे लेखों को विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं ने प्रमुखता से प्रकाशित किया।

लेखक की आत्महत्या ,अस्पताल बीमार है के अलावा उनकी पुस्तक राव तुलाराम , उम्रकैद, मजाक लोकतंत्र का, लॉकडाउन का भारत, पत्थर बोलते हैं आदि भी प्रकाशित हो चुके हैं। राजेंद्र यादव को साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान के कारण विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। हाल ही में माउंट अल्बर्ट सेंट्रल यूनिवर्सिटी यूएसए द्वारा आजाद को साहित्य साधना के कारण डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *