September 26, 2024

ममता के खड़गे कार्ड पर नाराजगी की अटकलों के बीच कांग्रेस का डैमेज कंट्रोल!

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नईदिल्ली /पटना

इंडिया गठबंधन की बैठक होने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और नीतीश कुमार की पहली दफे फोन पर लंबी बातचीत हुई। जेडीयू सूत्रों के हवाले से जो जानकारी मिली है उसके अनुसार दोनों नेताओं के बीच गठबंधन को मजबूती देने को लेकर चर्चा हुई। इंडिया गठबंधन की बैठक के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाये जाने के ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल के प्रस्ताव के बाद से नीतीश काफी असहज हो गए थे और उनकी नाराजगी को लेकर भी मीडिया में कई तरह की खबरें चलने लगी थी। यहां तक की ये खबर भी आई थी कि नीतीश ने भरी बैठक में इंडिया के बदले भारत नाम को सही बताया था। NDA की तरह नीतीश के स्टैंड से सोनिया गांधी भी हैरान रह गई थीं। सियासी गलियारों में ये चर्चा तेजी से फैली थी कि नीतीश कुमार खुद को इंडी गठबंधन में दरकिनार किए जाने से बुरी तरह खफा हैं। ऐसे में वो कांग्रेस को बिहार में नुकसान पहुंचा सकते हैं।
नीतीश को राहुल ने दी सफाई- सूत्र

खरगे का नाम पीएम कैंडिडेट के रूप में आने को लेकर राहुल गांधी ने अपनी और पार्टी की स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनको इस संबंध में किसी तरह की कोई जानकारी नहीं थी, ममता बनर्जी ने अपनी बातों को अचानक मीटिंग में रख दिया था। राहुल गांधी ने विपक्षी एकजुटता में नीतीश कुमार की भूमिका को अहम बताया और आगे भी गठबंधन की मजबूती के लिए विचार विमर्श करने की बातें कही।

बिहार में कैबिनेट विस्तार पर भी हुई नीतीश-राहुल में बात- सूत्र

राहुल गांधी ने नीतीश कुमार से बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी चर्चा की। नीतीश कुमार ने राहुल गांधी से कहा कि वो किसी भी समय मंत्रिमंडल में कांग्रेस मंत्रियों की संख्या बढ़ाने को तैयार है। कैबिनेट विस्तार में देरी को लेकर नीतीश ने कहा कि आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव की ओर से स्पष्टता नहीं रहने की वजह से विस्तार नहीं हो पाया है, आगे गठबंधन के सदस्यों की इच्छा के अनुरूप बिहार में मंत्रिमंडल का विस्तार कर लिया जाएगा।

राहुल गांधी के नीतीश को फोन करने की बड़ी वजह

राहुल गांधी को पता है कि अगर अभी नीतीश कुमार को नाराज किया गया, तो इसका मैसेज ये भी जा सकता है कि विपक्षी एकता के सूत्रधार को ही कांग्रेस ने किनारे लगा दिया। अभी बिहार में सीट बंटवारा भी होना है। ऐसे में नीतीश को नाराज करने का मतलब कांग्रेस को सीटों का नुकसान करना है। माना जा रहा कि इसी वजह से राहुल गांधी ने इंडिया की बैठक के बाद नीतीश कुमार के थोड़ा शांत होने का इंतजार किया और फिर उनसे फोन पर बातचीत की। हालांकि अभी भी ये कहा जा रहा है कि 29 दिसंबर की बैठक में नीतीश कई बड़े फैसले ले सकते हैं।

 

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