अध्यक्ष की दौड़ में दर्जना नेता, राजेश, गिरीश, प्रवीण, दिलीप,अरविन्द प्रबल दावेदारों की सूची में
सिंगरौली
भारतीय जनता पार्टी में इन दिनों अध्यक्ष को लेकर काफी उठा-पटक मचा हुआ है। वर्तमान जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र गोयल पर तरह-तरह के आरोप लग रहे हैं, साथ ही बीते दिनों हुई समीक्षा बैठक में बताया जाता है कि लगभग लोगों ने जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र गोयल का विरोध किया। जिससे कयास लगाया जा रहा है कि वीरेन्द्र गोयल की कुर्सी जाने वाली है। वही इनकी कुर्सी डगमगाती देख भाजपा के कई नेता अध्यक्ष के लिए अपनी दावेदारी पेश करने लगे है। यदि तत्काल वीरेन्द्र गोयल को अध्यक्ष से नही भी हटाया जाता है तो भी 2 से 3 महीने तक इनका कार्यकाल लगभग पूरा हो जाएगा। उसके बाद दावेदारों का रास्ता पूरी तरह से साफ हो जाएगा।
अध्यक्ष की दौड़ में दर्जनों नेता
भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष ताजपोशी के लिए दर्जनों नेता कमर कसकर मैदान में उतर चुके है। लेकिन यदि प्रमुख दावेदारो की बात की जाए तो राजेश तिवारी रज्जू,गिरीश द्विवेदी, प्रवीण तिवारी, दिलीप शाह , अरविन्द दुबे का नाम शामिल हैं। वही आम जनमानस में चर्चा है कि उम्र और अनुभव को देखते हुए राजेश तिवारी रज्जू को इस बार शीर्ष नेतृत्व अध्यक्ष की कुर्सी सौंप सकता है। हलांकि इस तरह से अध्यक्षी के लिए होड मची है उससे शीर्ष नेतृत्व को निर्णय लेने में थोडी कठीनाई हो सकती है। लेकिन एक बात तो तय है कि जिलाध्यक्ष आगामी विधानसभा पर प्रभाव डालेगा यदि पार्टी ने सही निर्णय लिया तो ठीक नही तो परिणाम विपरीत हो सकते है।
विधानसभा चुनाव रहेगी चुनौती
भारतीय जनता पार्टी जिलाध्यक्ष इन दिनों विवादों व आरोपो से घीरे है। चाहे कार्यकर्ता हो अथवा वरिष्ठ नेता हर कोई इनका विरोध अपने स्तर से कर रहा हैं। चर्चा तो यहा तक है कि नगरीय निकाय चुनाव मे हार का प्रमुख जिम्मेदार भी कुछ नेताओं ने इन्हीं को ठहराया है।
नगरीय निकाय चुनाव मे जिस तरह ब्राह्मण समाज के लोगों में नाराजी देखने को मिली उसे देखते हुए यदि किसी स्थानिय ब्राह्मण नेता के कंधे पर अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जाती है तो भाजपा को मजबूती मिलेगी वहीं आगामी विधानसभा चुनाव में भी इसका सीधा लाभ मिल सकता है। वहीं यदि कही भाजपा अध्यक्ष के लिए सही व्यक्ति का चयन नहीं करती है तो आगामी विधानसभा में बडी चुनौती सामने खडी