2024 में मकर संक्रांति की नोट करें सही डेट 14 या 15, दूर करें कन्फियूजन
हिंदू धर्म में नए साल की शुरुआत पहले पर्व मकर संक्रांति के साथ होती है. हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है. इस दिन दान-पुण्य करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. इस पर्व को देश के अलग-अलग भागों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. आइये जानते हैं नए साल में किस दिन पडे़गी मकर संक्रांति.
हर साल की तरह इस साल भी मकर संक्राति की डेट को लेकर संशय है कि 14 या 15 जनवरी किस दिन मनाई जाएगी मकर संक्रांति. साल 2024 में तिथि के अनुसार मकर संक्रांति 15 जनवरी 2024, सोमवार के दिन मनाई जाएगी. आइये जानते हैं इस दिन का शुभ मुहूर्त.
मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त
मकर संक्रान्ति पुण्य काल – 07:15 ए एम से 05:46 पी एम
अवधि – 10:31 मिनट्स
मकर संक्रान्ति महा पुण्य काल – 07:15 ए एम से 09:00 ए एम
अवधि – 01:45 मिनट्स
संक्रान्ति का समय: 02:54 ए एम, जनवरी 15 (सूर्य का मकर राशि में प्रवेश)
मकर संक्रांति का महत्व
शास्त्रों में मकर संक्रांति का बहुत महत्व बताया गया है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन तिल, चावल, दाल का दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. साथ ही इस दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष महत्व है. इस दिन जरुरतमंदों को ऊनी वस्त्र, कंबल का दिन जरुर करें. ऐसा करने से सूर्य देव के साथ-साथ शनि देव की प्रस्न होते हैं.
सूर्य हर महीने अपने चाल बदलता है. लगभग 30 दिन के बाद सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश संक्रांति कहलाता है. 15 जनवरी को सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे जिसे मकर संक्रांति कहा जाएगा.मकर संक्रांति को खिचड़ी भी कहा जाता है. इस दिन खिचड़ी का दान किया जाता है. इस दिन का दान कई गुना फल प्रदान करता है. कोशिश करें इस दिन दान जरुर करें.
इस दिन भगवान सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं. मकर संक्रांति को खिचड़ी और उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है. मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान और भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
कब है मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी. क्योंकि इस दिन सूर्य धनु राशि में अपनी यात्रा पूरी कर रहे हैं. 14 और 15 जनवरी की रात 02 बजकर 54 मिनट पर सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे. 15 जनवरी 2024 को शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 15 मिनट से शाम 05 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. वहीं महापुण्य काल सुबह 07 बजकर 15 मिनट से 09 बजे तक रहेगा, इस दौरान पूजा-पाठ और दान करने से लाभ मिलता है, इस दौरान पूजा-पाठ और दान करने से लाभ मिलता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मकर संक्रांति की तिथि पर रवि योग समेत कई अद्भुत संयोग बन रहे हैं, इन योगों में गंगा स्नान, पूजा, जप और तप का दोगुना फल मिलता है, इसके साथ ही पैतृक आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.
मकर संक्रांति पर बन रहा वरियान योग का संयोग
मकर संक्रांति की तिथि पर वरियान योग बन रहा है, इस योग की रचना रात्रि 11 बजकर 11 मिनट तक रहेगी. ज्योतिष शास्त्र वरियान योग को शुभ योग मानता है, इस योग में शुभ कार्य किये जा सकते हैं. इस दिन खरमास समाप्त हो जाएगा.
रवि योग का संयोग
ज्योतिषियों के अनुसार मकर संक्रांति पर रवि योग भी बन रहा है, इस योग की रचना सुबह 7 बजकर 15 मिनट से 8 बजकर 07 मिनट तक रहेगी. इस योग में पूजा और दान करने से स्वस्थ जीवन का वरदान मिलता है।
कारण
मकर संक्रांति की तिथि पर बव और बालव करण का निर्माण हो रहा है। बव करण का निर्माण दोपहर 3 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। इसके बाद संतान प्राप्ति की संभावना बनेगी। ज्योतिष शास्त्र बव और बालव करण दोनों को शुभ मानता है। इस योग में शुभ कार्य किये जा सकते हैं.
मकर संक्रांति पर स्नान दान का महत्व
मकर संक्रांति का पर्व भगवान सूर्य की पूजा के लिए समर्पित है. भक्त इस दिन भगवान सूर्य की पूजा कर आशीर्वाद मांगते हैं, इस दिन से वसंत ऋतु की शुरुआत और नई फसलों की कटाई शुरू होती है. मकर संक्रांति पर भक्त गंगा, यमुना, नर्मदा और शिप्रा नदी में पवित्र स्नान करते हैं और भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं, इस दिन गंगा स्नान और जरूरतमंद लोगों को भोजन, दालें, अनाज, गेहूं का आटा और ऊनी कपड़े दान करना शुभ माना जाता है.
मकर संक्रांति पूजन विधि
मकर संक्रांति पर स्नान कर लोटे में लाल फूल और अक्षत डाल कर सूर्य को अर्घ्य दें, इसके बाद सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें. श्रीमदभागवद के एक अध्याय का पाठ करें या गीता का पाठ करें. फिर नए अन्न, कम्बल, तिल और घी का दान करें. भोजन में नए अन्न की खिचड़ी बनाएं. भोजन भगवान को समर्पित करके प्रसाद रूप से ग्रहण करें. संध्या काल में अन्न का सेवन न करें. इस दिन किसी गरीब व्यक्ति को बर्तन समेत तिल का दान करने से शनि दोष से राहत मिलती है.
मकर संक्रांति पर इन चीजों का दान शुभ
मकर संक्रांति पर हर साल गंगा घाट पर स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती हैं. मकर संक्रांति को तिल संक्रांति भी कहा जाता है, इस दिन काले तिल और तिल से बनी चीजों को दान करने से पुण्य लाभ मिलता है. काले तिल के दान से शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं. इस दिन नए अन्न, कम्बल, घी, वस्त्र, चावल, दाल, सब्जी, नमक और खिचड़ी का दान करना सर्वोत्तम होता है. मकर संक्रांति के दिन तेल का दान करने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं.