September 22, 2024

मॉरीशस के सांसद ने PM Modi की तारीफ में पढ़े कसीदे, कहा- केवल वहीं अयोध्या को सुर्खियों में ला सकते थे

0

नई दिल्ली
मॉरीशस के सांसद महेंद गंगाप्रसाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। साथ ही, उन्होंने कहा कि केवल पीएम मोदी ही अयोध्या को फिर से सुर्खियों में ला सकते थे और उन्होंने ऐसा किया भी है। मॉरीशस में लेबर पार्टी के सांसद गंगाप्रसाद इस समय भारत में हैं।

'हमें मोदी जी पर गर्व है'
गंगाप्रसाद ने कहा, "आप कल्पना नहीं कर सकते कि मुझे कितना गर्व महसूस हो रहा है। हिंदू धर्म के अधिकांश मॉरीशसवासी बहुत खुश और गौरवान्वित हैं कि आज रामजी का मंदिर उसी स्थान पर है जहां उनका जन्म हुआ था।" उन्होंने कहा, "मैं सच कह रहा हूं कि केवल मोदी ही अयोध्या को फिर से सुर्खियों में ला सकते थे, जैसा कि उन्होंने किया है। जिस तरह से मंदिर बनाया जा रहा है और बनाया गया है, आपने जो किया उसके लिए हमें मोदी जी पर गर्व है।"

शिक्षा क्षेत्र के प्रयासों के लिए सराहा
गंगाप्रसाद ने शिक्षा क्षेत्र में पीएम मोदी के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा, "उनके कार्यकाल में शिक्षा क्षेत्र फला-फूला है और हम इसे हर क्षेत्र में देख सकते हैं। छात्र विश्वविद्यालयों और स्कूलों से बाहर आ रहे थे। वे नए भारत, नई शिक्षा प्रणाली को दर्शाते हैं और इसके लिए मैं मोदी जी को बधाई देना चाहता हूं।"

'भारत की नियति और छवि को बदला'
गंगाप्रसाद ने पीएम मोदी को 'करिश्माई नेता' बताते हुए उन्होंने कहा कि वह एक ऐसे नेता हैं, जिन्होंने भारत, भारत की नियति और भारत की छवि को बदल दिया है। उन्होंने कहा, "आज, लोग भारत की ओर देखते हैं और मुझे लगता है कि एक व्यक्ति जो हमारे आभार और हमारी प्रशंसा का हकदार है, वह नरेंद्र मोदी हैं।" उन्होंने कहा कि यह नया भारत केवल उनके दृष्टिकोण के कारण ही संभव हो पाया है।

भारत-मॉरीशस संबंध होंगे मजबूत
भारत-मॉरीशस संबंधों पर प्रकाश डालते हुए गंगाप्रसाद ने कहा कि रिश्ते को और मजबूत किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "हम मॉरीशस वासियों का भारत के साथ हमेशा बहुत अच्छा रिश्ता रहा है और मोदी के कार्यकाल में यह रिश्ता और मजबूत हो रहा है और इसके लिए मैं नरेंद्र मोदी का आभारी हूं।" गंगाप्रसाद ने कहा, "मोदी है तो मुमकिन है।" अयोध्या शहर भव्य प्रतिष्ठा समारोह के लिए तैयार हो रहा है।

एक हफ्ते का होगा कार्यक्रम
मंदिर के अधिकारियों के अनुसार, अभिषेक समारोह 16 जनवरी से शुरू होकर सात दिनों तक चलेगा। 16 जनवरी को मंदिर ट्रस्ट, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा नियुक्त यजमान प्रायश्चित समारोह का संचालन करेंगे। सरयू नदी के तट पर 'दशविध' स्नान, विष्णु पूजा और गायों को प्रसाद दिया जाएगा। इसके बाद, 17 जनवरी को रामलला की मूर्ति, जिसमें भगवान राम को पांच साल की उम्र में दर्शाया गया है, के साथ एक जुलूस अयोध्या पहुंचेगा। श्रद्धालु मंगल कलश में सरयू नदी का जल लेकर राम जन्मभूमि मंदिर पहुंचेंगे।
 18 जनवरी को गणेश अंबिका पूजा, वरुण पूजा, मातृका पूजा, ब्राह्मण वरण और वास्तु पूजा के साथ औपचारिक अनुष्ठान शुरू होंगे। 19 जनवरी को, पवित्र अग्नि जलाई जाएगी, इसके बाद 'नवग्रह' की स्थापना और 'हवन' किया जाएगा। राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह को 20 जनवरी को सरयू जल से धोया जाएगा, जिसके बाद वास्तु शांति और 'अन्नाधिवास' अनुष्ठान होगा। 21 जनवरी को रामलला की मूर्ति को 125 कलशों के जल से स्नान कराया जाएगा। अंतिम दिन, 22 जनवरी को सुबह की पूजा के बाद, दोपहर में 'मृगशिरा नक्षत्र' में राम लला के विग्रह का अभिषेक किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed