अब भी करेगा G-23 बवाल? CWC मीटिंग में सोनिया गांधी के सामने आनंद शर्मा ने उठा दिया सवाल
नई दिल्ली
कांग्रेस ने अपने अध्यक्ष के चुनाव के लिए तारीख तय कर दी है। रविवार को हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में इस बात पर चर्चा हुई और 17 अक्टूबर को वोटिंग कराने का फैसला लिया गया। 19 अक्टूबर को वोटों की गिनती होगी और रिजल्ट का ऐलान किया जाएगा। यदि कोई एक ही नेता अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए आवेदन करता है तो फिर 8 अक्टूबर को ही रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा। लेकिन इस दौरान भी अलग ही नजारा देखने को मिला। जी-23 ग्रुप के सदस्य और सीनियर नेता आनंद शर्मा ने मीटिंग में इस बात पर ऐतराज जताया कि निचले स्तर पर पदाधिकारियों के लिए चुनाव नहीं होता है।
इसके अलावा उन्होंने उन प्रतिनिधियों की लिस्ट भी मुहैया कराने की मांग की, जो अध्यक्ष के चुनाव में हिस्सा लेंगे। इस मीटिंग में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा ने विदेश से ही वर्चुअल मोड में हिस्सा लिया। इसके अलावा कांग्रेस वर्किंग कमेटी के कुछ सदस्यों ने 24 अकबर रोड से ही हिस्सा लिया। इस दौरान आनंद शर्मा ने चुनाव पर सवाल उठा दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के संविधान के आर्टिकल 8 से 13 में कहा गया गया है कि कांग्रेस की सभी प्राइमरी कमेटियों, बूथ, ब्लॉक और जिला कमेटियों में चुनाव होना चाहिए। उन्होंने इस मामले में सोनिया गांधी से दखल देने की मांग की।
सोनिया ने मधुसूदन मिस्त्री को दिया चिंताएं दूर करने का आदेश
इस पर सोनिया गांधी ने चुनाव समिति के मुखिया मधुसूदन मिस्त्री से कहा कि वह आनंद शर्मा की चिंताओं को दूर करें। आनंद शर्मा ने इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि मैंने संविधान के तहत ही बदलाव की मांग की थी। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि सोनिया गांधी ने मेरी बात को सुना और मधुसूदन मिस्त्री से उस पर काम करने को कहा। वहीं मिस्त्री का कहना है कि अध्यक्ष पद के चुनाव में शामिल होने वाले प्रतिनिधिनयों की लिस्ट प्रत्याशियों की ही मिल सकती है। इसके अलावा लिस्ट की मांग करने वाले नेताओं को यह मुहैया कराई जा सकती है।
क्या G-23 ग्रुप फिर खड़ी करेगा कांग्रेस के लिए मुश्किल
इस मीटिंग में केसी वेणुगोपाल, मधुसूदन मिस्त्री, जयराम रमेश समेत कई नेता शामिल हुए। बता दें कि आनंद शर्मा भी उस जी-23 ग्रुप का हिस्सा रहे हैं, जिसने सोनिया गांधी को लेटर लिखकर बदलावों की मांग की थी। गुलाम नबी आजाद ने हाल ही में कांग्रेस छोड़ी है और जम्मू-कश्मीर में अपनी पार्टी बनाने का ऐलान किया है। ऐसे में आनंद शर्मा की ओर से सवाल उठाए जाने से इस बात की चर्चा फिर से तेज हो गई है कि क्या जी-23 समूह अब भी कांग्रेस हाईकमान के लिए परेशानी का सबब होगा।