September 23, 2024

नर्मदा-ताप्ती और शिप्रा के नाम से एसएएफ की महिला बटालियन बनाएगा पीएचक्यू

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भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर प्रदेश में महिला बटालियन बनाए जाने की कवायद तेज हो गई है। हालांकि प्रदेश में पहले भी महिला बटालियन बनाई गई थी, लेकिन यह प्रयोग उसका सफल नहीं हो सका, नतीजे में यह बटालियन धीरे-धीरे खत्म हो गई। अब नए सिरे से तीन बटालियन बनाई जाएंगी। जिनमें नाम मध्य प्रदेश की तीन पवित्र नदियों के नाम पर होगा।

नर्मदा, क्षिप्रा और ताप्ती नदी का उद्गम स्थल मध्य प्रदेश में हैं। तीनों ही नदियां अलग-अलग क्षेत्रों से निकलती है। इन तीन पवित्र और पूज्यनीय नदियों के नाम पर मध्य प्रदेश पुलिस महिला बटालियन बनाने जा रही है। पुलिस मुख्यालय के अफसरों ही हाल ही में एक बैठक हुई थी। उस बैठक में इन बटालियनों को बनाने का प्लान तैयार करने को कहा गया है। मुख्यमंत्री ने पहले से ही इन बटालियनों के नाम तय कर दिए हैं। इसलिए  इन तीनों बटालियनों के नाम यही रहेंगे। अब इनका मुख्यालय कहां पर होगा, कितनी संख्या में महिलाओं को इन  बटालियनों में रखा जाएगा। बटालियन बनाने की पूरी प्रक्रिया का प्रस्ताव तैयार कर जल्द ही शासन को भेजे जाने की संभावना है।

मुख्यमंत्री ने पुलिस अफसरों के साथ पिछले दिनों पुलिस मुख्यालय में जो बैठक की थी, उसमें यह तय हुआ था कि महिला बटालियनों को लेकर जल्द काम करना है। इसके बाद से ही पुलिस मुख्यालय होमवर्क में जुट गया है।

उत्तर प्रदेश में भी बनाई जा रही तीन बटालियन
उत्तर प्रदेश में भी महिलाओं के लिए तीन बटालियन बन रही है। बताया जाता है कि यहां पर करीब डेढ़ साल पहले प्रस्ताव तैयार हो चुका है और अब भर्ती करने की प्रक्रिया यहां पर शुरू होने वाली है। यहां पर एक बटालियन में 700 से लेकर 800 तक महिलाओं को रखा जाना है। इसी तर्ज पर मध्य प्रदेश की इन तीनों बटालियनों में महिला बल की संख्या हो सकती है। जिसकी भर्ती भी अलग से किए जाने की संभावना है।

पहले भी बनी थी रानी दुर्गावती वाहिनी
प्रदेश पुलिस में पहले भी एक महिला बटालियन थी, जिसका नाम रानी दुर्गावती वाहिनी रखा गया था। कुछ साल यह अस्तित्व में रही, इसके बाद यह खत्म हो गई। दरअसल इस बटालियन में कई व्यवहारिक दिक्कतें सामने आई थी। इसके बाद इसे खत्म कर दिया गया था।  वर्ष 2018 में कांग्रेस ने वचन पत्र में महिला बटालियन बनाने की बात की थी। इस बटालियन के लिए छिंदवाड़ा में जगह भी तलाश की गई थी, लेकिन बाद में यह बटालियन नहीं बन सकी। हालांकि प्रदेश में अभी 23 वीं बटालियन में महिला बल की एक कंपनी हैं।

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