November 12, 2024

अमित शाह बीजेपी के सत्ता गंवाने के बाद पहली बार सितंबर में आएंगे बिहार; क्या हैं सीमांचल दौरे के मायने?

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पटना
बिहार में सत्ता से बाहर होने के बाद पहली बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सितंबर में राज्य के दौरे पर रहेंगे। अमित शाह की 23 और 24 सितंबर को सीमांचल में प्रवास का कार्यक्रम है। अमित शाह की पूर्णिया में विशाल जनसभा होगी और वे किशनगंज में बीजेपी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। बांग्लादेश की सीमा के पास स्थित सीमांचल क्षेत्र में मुस्लिम आबादी बहुत ज्यादा है। ऐसे में लोकसभा चुनाव 2024 और विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर अमित शाह का बीजेपी के लिए यह दौरा बहुत अहम माना जा रहा है।

बीजेपी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार माने जाने वाले अमित शाह 23 सितंबर को पूर्णिया में रैली को संबोधित करेंगे। इसके बाद 24 सितंबर को किशनगंज में बीजेपी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बैठक लेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने इसी महीने बीजेपी नीत एनडीए से नाता तोड़कर महागठबंधन के साथ राज्य में सरकार बनाई। बिहार में हुई राजनीतिक उथल-पुथल के बाद शाह का राज्य में ये पहला दौरा होगा। हालांकि, अमित शाह पिछले महीने ही पटना आए थे, लेकिन तब बीजेपी सत्ता में थी।

जेडीयू ने लगाए सांप्रदायिकता के आरोप
इस बीच जेडीयू ने अमित शाह के इस दौरे को लेकर बीजेपी पर हमला बोला है। जेडीयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बीजेपी की राजनीति सांप्रदायिक तनाव पर टिकी है। यह शाह की पहली यात्रा के लिए जगह के चुनाव में नजर आ गई है। मगर इसका कोई फायदा नहीं होगा। बिहार में सांप्रदायिकता को भुनाने की बीजेपी की योजना उसी तरह विफल हो जाएगी जैसे उसने पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में की थी।

क्या है बीजेपी की रणनीति?
बिहार में सत्ता गंवाने के बाद पिछले दिनों दिल्ली में बीजेपी कोर कमेटी की बैठक हुई थी। इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह समेत बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए थे। इस बैठक में लोकसभा चुनाव 2024 और उसके बाद 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति तैयार की गई। बीजेपी आम चुनाव में बिहार के अंदर 40 में से 35 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। मिशन 35 को पूरा करने के लिए निकट भविष्य के अंदर बिहार बीजेपी सांगठनिक तौर पर बड़े बदलाव किए जाएंगे। साथ ही केंद्रीय नेता राज्य के अलग-अलग क्षेत्र का दौरा करके नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियों को गिनाएंगे और बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश करेंगे।

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