September 23, 2024

पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार निखिल गुप्ता को झटका, SC ने खारिज की याचिका

0

नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सिख चरमपंथी नेता और आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश के मामले में चेक गणराज्य में गिरफ्तार हुए भारतीय व्यवसायी निखिल गुप्ता की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यह मामला संवेदनशील है और इस पर निर्भर है कि भारत सरकार इस मामले से निपटना चाहती है या नहीं। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि निखिल गुप्ता को अमेरिकी एजेंसियों द्वारा जांच किए जा रहे मामले के सिलसिले में पिछले साल जून में गिरफ्तार किए जाने के बाद सितंबर में भारत सरकार द्वारा एक बार राजनयिक पहुंच प्रदान की गई थी।

पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा, "सार्वजनिक अंतरराष्ट्रीय कानून और अदालतों की संप्रभुता और सहयोग के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए हमें नहीं लगता कि याचिका में शामिल किसी भी प्रार्थना को स्वीकार किया जा सकता है।" याचिका निखिल गुप्ता के एक करीबी दोस्त द्वारा दायर की गई थी जिसका प्रतिनिधित्व वरिष्ठ वकील सीए सुंदरम ने अदालत में किया था। उन्होंने अदालत को कहा कि निखिल गुप्ता को एक दिन पहले अपना प्रत्यर्पण आदेश प्राप्त हुआ था और इसके खिलाफ अपील करने के लिए उसे राजनयिक पहुंच की आवश्यकता थी। सुंदरम ने कहा कि यह मामला विदेशी जेल में बंद एक भारतीय नागरिक के मानवाधिकारों से संबंधित है। उन्होंने कहा कि उन्हें एक बार की कॉन्सुलर एक्सेस ऐसे समय में दी गई थी जब उन्हें कोई प्रत्यर्पण आदेश नहीं मिला गया था। उन्होंने कहा कि निखिल गुप्ता को फिलहाल अपील दायर करने के लिए एक अनुवादक की सहायता और कानूनी सहायता की आवश्यकता है।

याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘यह एक संवेदनशील मामला है। भारत सरकार इस मामले से निपटना चाहती है या नहीं, यह उस पर निर्भर है। वियना कन्वेंशन के तहत कॉन्सुलर एक्सेस ही एकमात्र ऐसी चीज है जिसके आप हकदार हैं और आपको यह मिल गया है। हम इन सब बातों में नहीं पड़ना चाहते हैं। हमें अंतरराष्ट्रीय अदालतों की संप्रभुता और सौहार्द का सम्मान करना होगा।” सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता केंद्र की ओर से पेश हुए और अदालत से कहा कि उन्हें याचिका की एक प्रति दे दी गई है। लेकिन इस मामले में केंद्र के पास करने के लिए शायद ही कुछ है। सुंदरम ने न्यायालय से अनुरोध किया कि उन्हें इस याचिका को भारत सरकार के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए एक प्रतिनिधित्व में परिवर्तित करने की अनुमति दी जाए। न्यायालय ने इस बयान को दर्ज किया लेकिन सरकार को इस पर विचार करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया।

आपको बता दें कि निखिल गुप्ता को 30 जून को गिरफ्तार किया गया था। याचिका में कहा गया था कि उनकी गिरफ्तारी अंतरराष्ट्रीय कानूनों का गंभीर उल्लंघन है क्योंकि कोई औपचारिक गिरफ्तारी वारंट प्रस्तुत नहीं किया गया था। हिरासत स्थानीय चेक अधिकारियों के बजाय अमेरिकी एजेंसियों की आशंका पर आधारित थी। सुंदरम ने अदालत को बताया कि 29 नवंबर को न्यूयॉर्क की एक अदालत के समक्ष मामले में एक दूसरा अभियोग दायर किया गया था जिसमें एक कथित भारतीय सरकारी कर्मचारी की भूमिका बताई गई थी।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *