INDIA अलायंस के दो CM पर गिरफ्तारी की तलवार, क्यों सबसे साफ चेहरा नीतीश कुमार
नई दिल्ली
एक तरफ बीजेपी अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उत्सुक है और उसे आगामी लोकसभा चुनावों में राम मंदिर मुद्दे पर बड़े पैमाने पर जनता का समर्थन मिलने की उम्मीद है, तो दूसरी तरफ बीजेपी के खिलाफ बने 28 दलों के इंडिया अलायंस के दो-दो मुख्यमंत्रियों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। इनमें एक हैं दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और दूसरे हैं झारखंड के मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन। केजरीवाल कथित शराब घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय के तीन-तीन समन को दरकिनार कर चुके हैं और पूछताछ के लिए उनके सामने अब तक पेश नहीं हुए हैं। वहीं हेमंत सोरेन पर जमीन घोटाला से जुड़े भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप हैं। ईडी उन्हें अब तक कुल सात बार समन भेज चुकी है। हेमंत एक बार भी पूछताछ के लिए ईडी के सामने पेश नहीं हुए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि दोनों मुख्यमंत्रियों को ईडी कभी भी गिरफ्तार कर सकती है।
केजरीवाल ने बताया हो रहा सियासी खेल
केजरीवाल ने इस बीच एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर कहा है कि बीजेपी ने उनकी सबसे बड़ी ताकत पर चोट किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनाव से ठीक दो महीने पहले ऐसा करने के पीछ बीजेपी का मकसद छुपा है। केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी चाहती है कि किसी बहाने बुलाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाय, ताकि चुनाव प्रचार ना कर सकें।
हेमंत के ईडी पर आरोप
उधर, हेमंत सोरेन ने भी ईडी के सातवें समन पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और प्रवर्तन निदेशालय की जांच की आलोचना करते हुए इसे 'पक्षपातपूर्ण' बताया है। सोरेन ने जांच एजेंसी पर अपने खिलाफ मीडिया ट्रायल में शामिल होने का आरोप लगाया है। हेमंत सोरेन ने दावा किया कि ईडी के जरिए केंद्र सरकार उनकी छवि खराब करना चाह रही है ताकि उसे लोकसभा चुनाव में भ्रष्टाचार के नाम पर फायदा मिल सके।
इंडिया गठबंधन के कई नेताओं पर दाग
ईडी ने बुधवार को दिल्ली और झारखंड में कई जगहों पर छापेमारी की। इनमें हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार से लेकर उनके कई करीबियों के ठिकाने भी शामिल हैं। ईडी ने रांची में ही आधा दर्जन से ज्यादा ठिकानों पर रेड मारी। साहिबगंज के डीसी के आवास पर भी ईडी ने कल छापा मारा था। इनके अलावा इंडिया गठबंधन में शामिल अन्य क्षेत्रीय दल और उनके नेता भी ईडी के निशाने पर बने हुए हैं। इनमें बंगाल की टीएमसी और ममता बनर्जी का परिवार, बिहार में राजद और लालू परिवार, तमिलनाडु में डीएमके से जुड़े लोग, कर्नाटक में कांग्रेस से जुड़े लोग भी ईडी के निशाने पर रहे हैं।
नीतीश की छवि बेदाग
ईडी की भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई से जहां कई विपक्षी दलों के नेताओं में हड़कंप है, वहीं नीतीश कुमार इन सबसे अलग-थलग बेदाग खड़े हैं। ईडी की ये कार्रवाई ऐसे समय में तेजी पकड़ती दिख रही है, जब इंडिया अलायंस में संयोजक बनाने को लेकर घटक दलों की बैठक होने वाली है। नीतीश 2005 से लगातार (कुछ महीनों को छेड़कर) बिहार की सत्ता पर काबिज हैं लेकिन उन पर भ्रष्टाचार के कोई दाग नहीं लगे हैं। ऐसे में बीजेपी की भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में वह विपक्षी एकता की मशाल थामते नजर आ सकते हैं।