बगावत से बचने सांसदों के सुर में सुर मिलाएंगे उद्धव ठाकरे? कर सकते हैं द्रौपदी मुर्मू का समर्थन
मुंबई
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रपति उम्मीदवार के समर्थन को लेकर अभी फैसला नहीं लिया है। हालांकि, संभावनाएं जताई जा रही हैं कि ठाकरे पार्टी में एक और फूट से बचने के लिए NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में जा सकते हैं। खबरें आई थी कि शिवसेना सांसद मुर्मू का समर्थन करना चाहते हैं। 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होगा। विपक्ष की तरफ से यशवंत सिंह मैदान में हैं।
उम्मीदवार पर मंथन को लेकर सोमवार को ठाकरे की तरफ से राज्यसभा और लोकसभा सांसदों की बैठक बुलाई गई थी। खबरें हैं कि इनमें अधिकांश ने मुर्मू के समर्थन करने की इच्छा जताई है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी सूत्रों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री और उनके कुछ करीबी मुर्मू की उम्मीदवारी का समर्थन नहीं करना चाहते, लेकिन शिवसेना नेतृत्व का झुकाव पार्टी में एक और बगावत को रोकना है।
करीब एक दर्जन सांसदों ने कहा है कि अगर पार्टी मुर्मू का समर्थन करें तो बेहतर होगा, क्योंकि वह महिला हैं और आदिवासी हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार, कुछ सांसदों का यह भी कहा है कि उनकी उम्मीदवारी के समर्थन से भविष्य में भाजपा के साथ गठबंधन का रास्ता तैयार हो सकता है।
भाजपा की चेतावनी
रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी के नेता गिरीश महाजन ने कहा, 'उन्हें अपनी खुद की और सांसदों की आवाज सुननी चाहिए। अगर वे कोई फैसला नहीं लेते हैं, तो सांसदों में भी फूट पड़ सकती है।' लोकसभा में शिवसेना के 18 सांसद हैं। कहा जा रहा है कि सोमवार को हुए मंथन के बाद सांसदों ने ठाकरे पर ही फैसला छोड़ दिया है। इधर, पार्टी सुप्रीमो ने भी कुछ दिनों में अपना फैसला बताने की बात कही है। रिपोर्ट में पार्टी सूत्रों के हवाले से कहा गया कि ठाकरे इस बात का आकलन भी कर रहे हैं कि मुर्मू का समर्थन करने पर महाविकास अघाड़ी के दलों की क्या प्रतिक्रिया होगी। एमवीए में कांग्रेस और राष्ट्रवादी पार्टी समेत कई दल शामिल हैं।