November 26, 2024

भाजपा प्रदेश भर में जल्द ही एक व्यक्ति एक पद का फार्मूला

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भोपाल
भाजपा में जल्द ही एक व्यक्ति एक पद का फार्मूला प्रदेश भर में लागू हो सकता है। नगरीय निकाय चुनाव के बाद इस तरह की कवायद प्रदेश के महानगरों इंदौर और भोपाल में चल रही है जो प्रदेश के बाकी जिलों में भी लागू की जा सकती है। भोपाल में जिला कार्यकारिणी में शामिल तीन महामंत्री, तीन उपाध्यक्ष व एक जिला मंत्री पार्षद का चुनाव जीते हैं। इसी तरह की स्थिति इंदौर नगर निगम में भी है। ऐसे में पार्षद बने पार्टी कार्यकर्ताओं के स्थान पर नए कार्यकर्ताओं को संगठन में एडजस्ट करने की कवायद चल रही है।

भोपाल और इंदौर के इस फार्मूले को प्रदेश संगठन बाकी जिलों में भी लागू कर सकता है। इस पर पार्टी के नेताओं के बीच विचार चल रहा है। ऐसा हुआ तो प्रदेश भर में संगठन में हजारों नए कार्यकर्ताओं को एडजस्ट होने का मौका मिल सकेगा।

विधानसभा चुनाव के लिए 15 माह का समय बचा है और भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को काम में लगाए रखने के साथ नई जिम्मेदारियां सौंपने पर भी फोकस कर रही है। इंदौर नगर निगम में पार्षद के पद पर निर्वाचित होने वाले ऐसे नेता जो संगठन में अलग-अलग दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं, उनके द्वारा सिर्फ पार्षद पद की जिम्मेदारी निभाने और संगठन का पद दूसरे साथी कार्यकर्ताओं के लिए छोड़ने की सहमति देना शुरू किया है।

इंदौर के साथ प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी यही आमराय पार्टी के जिला और मंडल कार्यकर्ताओं के बीच बनी है। यहां भी जिला और मंडल कार्यकारिणी में नए चेहरों को मौका देने की चर्चा है। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश भाजपा संगठन तक इंदौर और भोपाल की यह कवायद पहुंची है और संगठन इस मसले पर विचार कर सकता है कि यह फार्मूला प्रदेश के बाकी जिलों में भी लागू किया जा सकता है।

 ऐसे में पार्टी मेंं निचले स्तर से एक व्यक्ति एक पद की व्यवस्था की शुरुआत होगी और निर्वाचित कार्यकर्ताओं द्वारा संगठन और पार्टी द्वारा सौंपे गए अन्य दायित्व छोड़ने से दूसरे नए चेहरों को मौका मिलेगा। इस फार्मूले के आधार पर चुनावी साल में कार्यकर्ताओं को नई जिम्मेदारियों के साथ एडजस्ट किया जाएगा तो उनमें काम करने की ललक और तेज होगी।

पति या बेटों के पास पद तो भी छोड़ने का हो सकता है निर्णय
पार्टी सूत्रों के अनुसार प्रदेश में कई नेता ऐसे हैं जिनकी पत्नियां या पति संगठन और पार्टी द्वारा सौंपे गए अन्य दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। अगर पार्टी ने इस मामले में फैसला किया तो जिम्मेदार पदों पर बैठे सरपंच पति, जिला पंचायत व जनपद पंचायत अध्यक्ष पति, नगरपालिका नगर निगम परिषद अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के पति या अन्य परिजनों को दूसरे दायित्व से मुक्त कर सिर्फ पंचायतों और नगरीय निकायों में निर्वाचित प्रतिनिधि के तौर पर काम करने को कहा जा सकता है।

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