लीकेज और इंजन में गड़बड़ी से नासा का मून मिशन आर्टेमिस टला
वॉशिंगटन
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा सोमवार को अपने आर्टेमिस-1 मिशन की लॉन्चिंग के लिए तैयार थी। लेकिन लॉन्च से कुछ घंटे पहले सामने आईं तकनीकी गड़बड़ियों के चलते अब इसके लॉन्च को टाल दिया गया है। नासा ने एक ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से यह मिशन अंतरिक्ष के लिए रवाना होने वाला था जिसके तहत स्पेस लॉन्च सिस्टम रॉकेट और ऑरियन कैप्सूल को 42 दिनों के मिशन के लिए चंद्रमा के करीब भेजा जाना था। बिना चालक दल वाले इस मिशन के तहत यह अब तक के सबसे शक्तिशाली रॉकेट एसएलएस की पहली उड़ान थी। नासा के लिए यह मिशन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आर्टेमिस के जरिए इंसान 50 साल बाद चंद्रमा पर वापसी करने जा रहा है।
फ्यूल लीकेज और इंजन में गड़बड़ी जैसी तकनीकी समस्याओं की वजह से नासा ने आर्टेमिस-1 की लॉन्चिंग को टाल दिया है। वैज्ञानिकों को लॉन्च से कुछ घंटे पहले रॉकेट से फ्यूल लीकेज और क्रैक के बारे में पता चला जिसके बाद स्पेस एजेंसी ने काउंटडाउन को रोक दिया था। तय समयानुसार रॉकेट को 29 अगस्त 2022 को शाम 6:03 बजे से दो घंटे की लॉन्च विंडो के दौरान रवाना किया जाना था। नासा ने सोमवार को ट्वीट में गड़बड़ी की जानकारी दी थी। एजेंसी ने एक ट्वीट में कहा कि काउंटडाउन को टी-40 मिनट पर रोक दिया गया है और हाइड्रोजन टीम आर्टेमिस-1 के लॉन्च डायरेक्टर के साथ चर्चा कर रही है।
इंजन में गड़बड़ी बड़ी समस्या
नासा ने मिशन का अपडेट देते हुए ट्वीट में कहा, 'फिलहाल लॉन्च होल्ड पर है क्योंकि टीम इंजन नंबर-3 में एक गड़बड़ी पर काम कर रही है।' खबरों की मानें तो लीकेज के अलावा इंजन कूलिंग की समस्या भी रॉकेट की लॉन्चिंग को टाल सकती है। लीकेज से पहले तूफानी मौसम ने रॉकेट में ईंधन भरने के काम को प्रभावित किया था। अंतरिक्ष में जाने वाले रॉकेट में ईंधन के रूप में सुपर-कोल्ड हाइड्रोजन और ऑक्सीजन भरा जाता है।
नासा के लिए बेहद अहम मिशन
यह स्पेसक्राफ्ट चंद्रमा तक जाएगा, कुछ छोटे उपग्रहों को कक्षा में छोड़ेगा और खुद कक्षा में स्थापित हो जाएगा। इस मिशन के तहत नासा स्पेसक्राफ्ट को ऑपरेट करने की ट्रेनिंग हासिल करेगी, चंद्रमा के आसपास हालात की जांच करेगी जिसका अनुभव अंतरिक्ष यात्रियों करेंगे और अंतरिक्ष यात्रियों की पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी को सुनिश्चित करेगी। आर्टेमिस-3 के जरिए इंसान चंद्रमा पर जाएंगे। इस चालक दल में एक महिला और संभवतः एक अश्वेत यात्री भी हो सकता है।
क्या है आर्टेमिस मिशन?
नासा का आर्टेमिस-1 मिशन आर्टेमिस परियोजना का पहला चरण है, जिसका उद्देश्य 2025 में मनुष्यों को एक बार फिर चंद्रमा पर ले जाना है। भारतीय समय के अनुसार यह 6 बजकर 3 मिनट पर लॉन्च होना था, लेकिन इंजन में खराब के चलते ऐसा नहीं हो सका। हालांकि आर्टेमिस-1 लॉन्च में कोई भी इंसान शामिल नहीं होगा। इस मिशन का उद्देश्य एसएलएस अंतरिक्ष यान की ताकत और ओरियन अंतरिक्ष यान की फिटनेस और हीट शील्ड का परीक्षण करना है।
मिशन का उद्देश्य चंद्रमा पर लंबे समय तक उपस्थिति बनाना है। आर्टेमिस-1 एसएलएस अंतरिक्ष यान के लिए चंद्रमा के चारों ओर 42 दिवसीय यात्रा है। इसके बाद ओरियन को चंद्र सतह के चारों ओर जाने में कुल 10 दिन लगेंगे।