बीकानेर : गांव में छह सैलून फिर भी नाई नहीं काटते लोगों के बाल, जाना पड़ता है 30 किलोमीटर दूर
बीकानेर.
बीकानेर के नापासर के गाढ़वाला गांव में लगभग 5-6 सैलून हैं। बावजूद जाति विशेष के लोगों को बाल कटवाने नापासर, देशनोक कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। नाइयों की इसी बेरुखी के चलते जाति विशेष के बुजुर्ग, बच्चों को मजबूरन गांव से 20-30 किलोमीटर दूर जाकर बाल कटवाना पड़ते हैं। उक्त गांव के लोग आज भी दकियानूसी सोच के चलते जाति प्रथा और छुआछूत मानते हैं।
जिसके चलते विशेष जाति के लोगों को कटिंग और सेविंग करवाने के लिए दूसरे इलाके में जाना पड़ता है। इन लोगों ने आरोप लगाया कि इस गांव में आज भी छुआछूत की बीमारी लंबे समय से बरकरार है। बाल न काटे जाने पर गांव के रहने वाले लोगों ने बताया आजादी के 70 साल बाद भी उनके गांव मे समुदाय विशेष के लोगों के लिए छुआछूत बरकरार है।
प्रशासन से की शिकायत
लोगों ने बताया कि कुछ समय पहले तक नापासर, देशनोक में भी यही हाल थे। वहां के सैलून में भी ऐसा ही होता था। इस बाबत हमने जब प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत कराया तो हमारी कटिंग, सेविंग होने लगी, लेकिन गाढ़वाला गांव में आज भी हमारे साथ छुआछूत की जा रही है।