November 22, 2024

सरिस्का टाइगर रिजर्व: राजमाता कही जाने वाली बाघिन एसटी-2 बीते काफी समय से बीमार चल रही थी, 19 साल की उम्र में तोड़ा दम

0

राजस्थान
भारत की सबसे उम्रदराज बाघिन एसटी-2 ने 19 साल की उम्र में दम तोड़ दिया। सरिस्का की राजमाता कही जाने वाली बाघिन एसटी-2 बीते काफी समय से बीमार चल रही थी। उसकी बीमारी के चलते ही उसे एंक्लोजर में रखा गया था। वहीं, मंगलवार को सरिस्का बाघिन एसटी -2 मूवमेंट नहीं कर रही थी। तब एंक्लोजर के अंदर जाकर स्टाफ द्वारा चेक किए गया, जहां बाघिन मृत पाई गई। बता दे बाघिन एसटी-2 की पूंछ में कई समय से घाव हो गया था, जिसके चलते यह लंबे समय से एंक्लोजर में रह रही थी।

जिला वन अधिकारी डीपी जगावत ने कहा, 'बाघिन एसटी 2 की पूंछ पर घाव था और पिछले तीन महीने से उसे एक बाड़े में रखा गया था और इलाज चल रहा था। मंगलवार शाम को जब बाघिन की कोई मूवमेंट नहीं देखा गया तो स्टाफ द्वारा चेक किए गया। फिर डॉक्टरों ने जांच की और उसे मृत घोषित कर दिया।'

वन अधिकारी डीपी जगावत कहा कि कर्मचारियों की एक टीम 24 घंटे लगातार उसकी निगरानी कर रही थी। 19 साल की इस बाघिन ने रिजर्व में बाघों की आबादी बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। उसे साल 2008 में रणथंभौर टाइगर रिजर्व से सरिस्का में ट्रांसफर किया गया था और तब से उसने बाघिन ST7, ST8 और ST14 और बाघ ST13 को जन्म दिया।

एसटी2 की मौत की खबर सुनकर राजस्थान के वन मंत्री संजय शर्मा सरिस्का पहुंचे और मौत के कारणों के बारे में अधिकारियों से बात की। शर्मा ने बताया, 'आमतौर पर बाघों की उम्र 14-15 साल होती है लेकिन यह स्पेशल बाघिन 19 साल तक जिंदा रही। मैं उस बाघिन को श्रद्धांजलि देने आया हूं जिसने सरिस्का को आबाद किया। जैसे हम अपने बुजुर्गों की देखभाल करते हैं, इन वन अधिकारियों ने उनकी देखभाल की। अब, हम जल्द ही रणथंभौर और मध्य प्रदेश से और अधिक बाघों को सरिस्का लाने की योजना बना रहे हैं।'

एसटीआर (सरिस्का टाइगर रिजर्व) के फील्ड डायरेक्टर आरएन मीणा ने कहा कि बाघिन के जाने से हर कोई दुखी है। उन्होंने बताया कि पूंछ की चोट का इलाज पिछले 3 महीने से चल रहा था, लेकिन आखिरकार उसने दम तोड़ दिया। एसटीआर के फील्ड डायरेक्टर ने इसे रिजर्व के लिए एक बड़ी क्षति बताया। मालूम हो कि एसटीआर में मौजूदा 30 बाघों में से 25 उसके वंशज ही हैं। सरिस्का टाइगर फाउंडेशन के संस्थापक सचिव दिनेश कुमार ने कहा कि उनका निधन एक क्षति है लेकिन भविष्य में यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि कोई जंगली बाघ कैद में न मरे। जानवर का इलाज करने के बाद उसे जंगल में छोड़े जाने की जरूरत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed