कलेक्टर कार्यालय से महज 300 मीटर की दूरी पर विकास रो रहा, जिम्मेदार मूकदर्शक बनकर देख रहे तमाशा
सीधी
मध्य प्रदेश जिला सीधी जी हां हम बात कर रहे हैं सीधी कलेक्टर कार्यालय से महज 300 मीटर की दूरी पर जो जिला मुख्यालय सीधी से मात्र 300 मीटर की दूरी पर स्थित शिवाजी नगर नौढियों में जहाँ लोग रास्ते को तरस रहे हैं उन्हें शासन रेलगाड़ी का सपना दिखा रही है! हो सकता है आने वाले वर्षों में यह पूरा भी हो जाये परन्तु सीधी कलेक्ट्रट से शिवाजी नगर पहुँचना अपने आपमें एक कठिन चुनौती है। विशेषकर बरसात के दिनों में सीधी कलेक्ट्रेट कार्यालय के पीछे से शिवाजी नगर (नौढ़िया) पहुँचना बेहद मुश्किल और जोखिम भरा है। कलेक्ट्रेट के पीछे शिवाजी नगर को जोड़ने वाली मेड़ जो एक मात्र रास्ते के रुप में है उस पर आजकल अत्यधिक कीचड के कारण चलना दूभर हो गया है। अभी कई महीने पहले इस रास्ते की खराब स्थिति के कारण मोहल्ले के ही एक 30 वर्षीय युवक को अपनी जान गवानी पड़ी। रास्ता सही न होने के कारण शायद ही ऐसा घर बचा हो जिसकी हड्डी सही सलामत हो, दुर्घटनायें प्रायः होती ही रहती हैं आश्चर्य की बात यह है कि यह मोहल्ला जिला कलेक्टर कार्यालय से सटा हुआ है फिर भी इस ओर जिला प्रशासन एवं स्थानीय नेताओं का ध्यान रोड सुधार की ओर बिलकुल नहीं है।
शिवाजी नगर वासियों द्वारा रास्ते की नरकीय स्थिति को लेकर कई बार जिला प्रशासन एवं नेताओं का ध्यान आकृष्ट कराने की कोशिश की गई लेकिन किसी ने इसको गंभीरता से नहीं लिया। इस लोकतन्त्र में जहाँ कुछ लोग ए०सी० कमरों मे बैठकर कागजी विकास का खेल खेलते हैं। वहीं अधिकाशं लोग बद से बद्तर जिन्दगी जीने को मजबूर हैं। क्या यही है सबका साथं सबका विकास ? आश्चर्य की बात यह है की शिवाजी नगर (नौढ़िया) में तीन प्राइवेट स्कूल के साथ साथ सरकारी स्कूल भी हैं जहाँ पढ़ने के लिए बच्चें इस रास्ते से वाहनों से आते जाते हैं, यहाँ कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। इतना ही नहीं इसी रास्ते से हो कर संजय टाईगर रिजर्व का मुख्य कार्यालय, विद्युत मंडल एवं पानी टंकी का कार्यालय भी है, इससे जुड़े अधिकारी एवं कर्मचारी भी इस रास्ते से गुजरते हैं और इन कार्यालयों में जाने वाले जिले के जन मानस को भी परेशान होना पड़ता है। जबकि अब यह लगने लगा है कि विकास की बात तो दूर है विकास ही रोने लगा है।