November 30, 2024

कालाराम मंदिर: महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है और 22 जनवरी को आरती में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया

0

नई दिल्ली
अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। इसी दिन शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) की ओर से नासिक के कालाराम मंदिर में आरती कराई जाएगी। इसे लेकर महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है और 22 जनवरी को आरती में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। उद्धव ने कहा कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पूरे देश के लिए अहम है, इसलिए हम कालाराम मंदिर में आरती कर रहे हैं। मालूम हो कि राष्ट्रपति को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का भी न्योता मिला है। ऐसे में अब देखना ये होगा कि राष्ट्रपति कहां जाती हैं।

शिवसेना (UBT) की ओर से राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा गया, 'सर्वप्रथम तो मैं आपको आगामी 22 जनवरी 2024 को अयोध्या के पवित्र जन्मस्थान मंदिर में निर्धारित प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा की अग्रिम शुभकामनाएं देता हूं। यह संपूर्ण भारत वर्ष के लिए हर्षोल्लास के साथ हिंदू हुदय सम्राट शिवसेना प्रमुख बालासाहेब के धर्म संकत्प पूर्ति की पूर्णाहुति है। शिवसेना प्रमुख ने आजीवन प्रभु श्रीराम के मंदिर के लिए कड़ा संघर्ष किया। भगवान श्रीराम के आदर्श केवल हिंदू या हिंदुत्व तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि ये राष्ट्र की अस्मिता और आस्था के भी प्रतीक हैं। यहां महाराष्ट्र में भी उसी आस्था पर्व की मंगल अभिलाषा की जा रही है। हमने 22 जनवरी के पावन उपलक्ष पर नासिक क्षेत्र में प्रभु श्रीराम के महापूजन और महाआरती का दिव्य संकत्प लिया है।'

धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व वाला कालाराम मंदिर
पत्र में आगे लिखा है, 'अयोध्या भगवान श्रीराम का जन्म क्षेत्र है तो नासिक-पंचवटी दंडकारण्य उनका कर्म क्षेत्र। उनके दनवास काल में यहां के आादिवासी-वनवासियों से आत्मीय संबंध रहे हैं। उनकी लीलाओं के प्रमाण आज भी यहां मौजूद हैं। उन्हीं प्रमाणों का प्रतीक रुप है नासिक का कालाराम मंदिर। हमारा आयोजन इसी जीवंत धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व वाले मंदिर में निर्धारित है। महोदया, अतीत में भी सोमनाथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा तत्कालीन राष्ट्रपति सम्माननीय राजेंद्र प्रसाद जी के हाथों हुई थी। अर्थात, नासिक में आपकी उपस्थिति अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा की गरिमा भी बढ़ाएगी और राजेंद्र प्रसाद द्वारा स्थापित परिपाटी को भी बरकरार रखेगी। अतः हमारा आग्रह और आमंत्रण है कि देश की प्रथम नागरिक के रुप में आप नासिक पधारकर हमें अनुग्रहित करें।'

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *