मदरसे की जमीन बता तोड़े घर, गांव से भी निकाला; झारखंड में महादलितों पर अत्याचार
पलामू
पलामू जिले के पांडू प्रखंड के मुरुमातु गांव के समीप टोंगरी के पास कई दशकों से बसे मुसहर समुदाय के 50 लोगों को उजाड़ दिए जाने का मामला सामने आया है। आरोप है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मदरसे की जमीन बताते हुए उनके घरों को तोड़ दिया और गांव से बाहर निकाल दिया। अब भाजपा ने इसको लेकर हेमंत सोरेन सरकार पर हमला किया है। पूर्व सीएम रघुवर दास ने कहा कि हिम्मतवाली सरकार में जिहादियों की हिम्मत बढ़ गई है। महादलित परिवारों को घरों को मदरसे की जमीन बताकर तोड़कर बेघर कर दिया और यह गूंगी-बहरी सरकार मौज मस्ती में लगी रही।
पीड़ितों की शिकायत है कि सोमवार को मुस्लिम समाज के लोगों ने नाजायज मजमा बनाकर उनके मिट्टी व फूस के घर को ध्वस्त कर दिया। साथ ही उनका सामान एक वाहन पर जबरदस्ती लादकर छतरपुर प्रखंड लोटो गांव के पास छोड़ दिया गया है। पीड़ित परिवारों में कुछ पांडू थाना पहुंचकर सोमवार की दोपहर बाद शिकायत की है। पांडू के प्रखंड विकास पदाधिकारी सह अंचल पदाधिकारी राहुल कुमार ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है। वे जांच कर उचित न्याय दिलाने का प्रयास करेंगे।
पीड़ित नंदलाल मुसहर और राधा देवी ने बताया करीब 50 लोग बरसात के इस मौसम में बेघर हो गए हैं। सर्वें से पहले से वे लोग उस पहाड़ी के निकट मिट्टी का मकान और झोपड़ी बनाकर रहते आ रहे हैं। दिनभर भिन्न-भिन्न गांव में भीख मांगते हैं और शाम में घर में लौटने के बाद सभी झोपड़ी में सुकून से खाना खाकर सोते हैं। आरोपीगण जानबूझकर उन्हें बेघर कर दिया है।
सुबह से उनके बच्चे भूखे हैं। मकान और झोपडी ध्वस्त कर देने के कारण कोई भी परिवार सुबह में खाना नहीं पका सका है। सर्वे में भी उनका नाम बंडा पर्चा में दर्ज किया गया है। इधर आरोपी पक्ष का दावा है कि संबंधित जमीन मदरसे की है। पांडू के सामाजिक कार्यकर्ता धर्मदेव सिंह यादव ने बताया कि कमजोर समझकर मुसहर परिवारों के घरों को ध्वस्त किया जाना अपराध है। उन्होंने पुलिस अधीक्षक को मामले की जानकारी दी है। वहीं पांडू के थाना प्रभारी ने शिकायत की जांच कर उचित कार्रवाई की बात कही है। मुसहर परिवार के गिरजा मुसहर, संजय मुसहर, जितेंद्र मुसहर, नंदलाल मुसहर, संतोष मुसहर, लक्ष्मी देवी, रंजू देवी आदि थाना पहुंचे थे।