बाबा महाकाल की सवारी में थूकने के मामले में, कोर्ट में बदले शिकायतकर्ता और गवाह
उज्जैन:
शहर में निकलने वाली बाबा महाकाल की सवारी जुलूस पर थूकने के आरोप में दो नाबालिगों और एक 18 वर्षीय को कथित तौर पर गिरफ्तार किया गया था। उस मामले में सोमवार के दिन हुई सुनवाई में एक चौंकाने वाला मोड़ आया है। शिकायतकर्ता और गवाह अपने बयान से मुकर गए हैं। यहां तक कि शिकायतकर्ता ने एफआईआर की सामग्री से भी इनकार कर दिया है।
दरअसल, महाकाल की सवारी में थूकने के मामले की सुनवाई इंदौर की हाईकोर्ट खंडपीठ में चल रही थी। जहां पर उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ ने इसका उल्लेख किया और आरोपियों में एकमात्र वयस्क अदनान मंसूरी को जमानत दे दी, जो उस समय 18 वर्ष का था। उन्होंने पांच महीने से अधिक समय जेल में बिताया।
शिकायतकर्ता और गवाह पलटे
न्यायमूर्ति अनिल वर्मा ने कहा कि शिकायतकर्ता सावन लोट और प्रत्यक्षदर्शी अजय खत्री से ट्रायल कोर्ट के समक्ष पूछताछ की गई। जहां दोनों ही अपने बयान से मुकर गए हैं और अभियोजन पक्ष के मामले का समर्थन नहीं किया है। बता दें कि आवेदक (अदनान) उज्जैन का स्थायी निवासी है और मुकदमे के अंतिम निष्कर्ष में लंबा समय लगने की संभावना है। उपरोक्त परिस्थितियों में जमानत देने की प्रार्थना पर विचार किया जा सकता है।
घर पर हुई थी बुलडोजर कार्रवाई
प्रशासन ने अदनान के खिलाफ शिकायत दर्ज होने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया था वहीं शिकायत के दो दिन बाद 19 जुलाई को उनके पैतृक घर के कथित 'अवैध हिस्से' को तोड़ दिया था। उज्जैन नगर निगम के अधिकारी और पुलिस जेसीबी मशीनों के साथ पहुंचे और ढोल बजाने वालों के साथ इसे तोड़ दिया।
ये है पूरा मामला
न्यायमूर्ति वर्मा ने बताया कि टंकी चौराहे के पास भगवान महाकाल की शाही सवारी निकाली जा रही थी। इसी दौरान एक इमारत की छत से कुछ लोगों ने थूका था। जिसकी शिकायत सवारी में शामिल लोगों ने पुलिस थाने पहुंच कर की थी। शिकायत के बाद पुलिस ने एक्शन लेते हुए थूकने के आरोप में दो 15 वर्षीय लड़कों के साथ एक वयस्क अदनान को गिरफ्तार किया था। जिसके मामले में 151 दिन बाद 15 दिसंबर को अदनान को जमानत दे दी।
जुलूस में भाग लेने वाले इंदौर निवासी सावन की शिकायत पर, उज्जैन की खाराकुआं पुलिस ने लड़कों पर आईपीसी की धारा 295 ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य), 153 ए (पूजा स्थल पर किया गया अपराध), 296 (धार्मिक सभा को परेशान करना), 505 (सार्वजनिक उत्पात फैलाने वाले बयान) और सामान्य इरादा के तहत केस दर्ज करते हुए गिरफ्तार किया था।
कोर्ट ने दी जमानत
न्यायमूर्ति वर्मा ने कहा कि सावन न केवल मुकर गया बल्कि उसने 'अपनी एफआईआर के प्रासंगिक हिस्से से भी इनकार कर दिया'। न्यायाधीश ने कहा कि जांच अधिकारी ने पहचान परेड नहीं कराई और अदनान की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है। उन्होंने कहा, 'निर्देश दिया जाता है कि आवेदक को 75,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की एक सॉल्वेंट ज़मानत पर जमानत पर रिहा किया जाए।'