कांग्रेसियों का J&K में पार्टी से पलायन, गुलाम नबी आजाद के समर्थन में 50 नेताओं ने किया इस्तीफे का ऐलान
श्रीनगर
गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस छोड़ने का असर जम्मू-कश्मीर में साफ नजर आ रहा है। खबर है कि पार्टी के 50 नेताओं ने कांग्रेस छोड़ने की घोषणा कर दी है। पार्टी को अलविदा कहने वालों में राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद का नाम भी शामिल है। आजाद भी दावा कर चुके हैं राज्य में बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता उनके साथ हैं। तारा चंद समेत पार्टी के इन 50 नेताओं ने आजाद के समर्थन में कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपे करीब 5 पेज लंबे त्यागपत्र में उन्होंने नाराजगी जाहिर की थी। उस दौरान उन्होंने खासतौर से वायनाड सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाया था।
एक चैनल से बातचीत में चंद ने कहा था, 'हां, मैं कांग्रेस से इस्तीफा दे रहा हूं और आजाद साहब के साथ शामिल हो रहा हूं।' इससे पहले जम्मू-कश्मीर विधानसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर समेत चार नेता भी पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं। वहीं, कांग्रेस के पूर्व मंत्रियों और विधायकों ने भी पार्टी छोड़ने और आजाद के समर्थन का ऐलान किया है।
जम्मू-कश्मीर से ही की थी शुरुआत
1970 के समय में सियासी पारी की शुरुआत करने वाले आजाद मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री जैसे कई अहम पदों पर रहे। दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय गांधी के करीबियों में शुमार माने जाने वाले आजाद साल 1975 से लेकर 1977 तक जम्मू-कश्मीर यूथ कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे। इसके बाद 1977 से 1980 तक ऑल इंडिया यूथ कांग्रेस के महासचिव रहे। साल 1980 में वह इंडियन यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। खास बात है कि आजाद की संसदीय पारी की शुरुआत महाराष्ट्र की वाशिम सीट से हुई थी। वह कांग्रेस की सरकार में उपमंत्री भी रहे।