बीजेपी ने 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी की तेज, जगदीश देवड़ा, प्रहलाद पटेल, विश्वास सारंग को सौंपी जिम्मेदारी
भोपाल
मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव में राज्य के दिग्गजों को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. इन दिग्गजों को तीन से पांच लोकसभा क्षेत्र का जिम्मा सौंपा गया है और उनकी जिम्मेदारी है कि वह संबंधित इलाके के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे. बीते रोज नई दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में क्लस्टर प्रभारी की बैठक हुई. इस बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे और उन्होंने लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर चर्चा की.
पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को मिली बड़ी जिम्मेदारी
इस चर्चा के बाद राज्य के लोकसभा क्षेत्र का क्लस्टर बनाया गया और इनका प्रभारी दिग्गज नेताओं को बनाया गया है. पार्टी ने राज्य को सात क्लस्टर में बांटा गया है और उनका प्रभारी नियुक्त किया है. ग्वालियर चंबल क्लस्टर का प्रभारी पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को बनाया गया है और उन्हें मुरैना, भिंड, ग्वालियर के अलावा गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
इसी तरह बुंदेलखंड का क्लस्टर प्रभारी पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह को बनाया गया है और उनके पास सागर, दमोह, टीकमगढ़ और खजुराहो लोकसभा सीटों की जिम्मेदारी है.
रीवा-शहडोल क्लस्टर का प्रभारी उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला को बनाया गया है और वह रीवा, सतना, सीधी, शहडोल संसदीय क्षेत्र के प्रभारी होंगे. इसी तरह मालवा-निमाड़ का क्लस्टर प्रभारी नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय बनाए गए हैं. उनके पास इंदौर, धार, खरगोन, खंडवा और देवास संसदीय क्षेत्र की जिम्मेदारी रहेगी.
मंत्री विश्वास सारंग बने भोपाल-नर्मदापुरम क्लस्टर का प्रभारी
इसके अलावा भोपाल-नर्मदापुरम क्लस्टर का प्रभारी राज्य सरकार के मंत्री विश्वास सारंग को बनाया गया है. वह होशंगाबाद, बैतूल, विदिशा, भोपाल और राजगढ संसदीय क्षेत्र की जिम्मेदारी संभालेंगे. महाकौशल के प्रभारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल होंगे और वह मंडला, बालाघाट, जबलपुर छिंदवाड़ा लोकसभा सीटों पर ध्यान केंद्रित करेंगे.
जबलपुर संभाग क्लस्टर के प्रभारी उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा होंगे और वह उज्जैन, रतलाम, मंदसौर संसदीय सीटों का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार करेंगे. सूत्रों का कहना है कि यह क्लस्टर प्रभारी पर राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं को गांव के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने की जिम्मेदारी रहेगी और वह वर्तमान में चल रही गतिविधियों पर नजर भी रखेंगे. इतना ही नहीं इन सभी को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय नेतृत्व को देनी होगी.