परीक्षा संबंधी अपराधों को रोकने के लिये दोषी व्यक्तियों पर हो कड़ी कार्रवाई : स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह
भोपाल
स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने बोर्ड के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि बोर्ड परीक्षाओं में दोषी व्यक्तियों पर कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। इससे भविष्य में परीक्षा व्यवस्था सुव्यवस्थित तरीके से होती रहे। शिक्षा मंत्री सिंह मंगलवार को भोपाल में माध्यमिक शिक्षा मण्डल के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। इस मौके पर बोर्ड की उपाध्यक्ष श्रीमती रमा मिश्रा, बोर्ड के सचिव कृष्ण देव त्रिपाठी, अतिरिक्त सचिव सुशीला दाहिमा एवं अधिकारी मौजूद थे।
स्कूल शिक्षा मंत्री ने बैठक के दौरान बोर्ड की अन्य योजनाओं की जानकारी दी। बैठक में बताया गया कि हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी परीक्षाओं के पाठ्यक्रम में सैद्धांतिक परीक्षा और आंतरिक मूल्यांकन के लिये नवीन योजना प्रारंभ की गई है। प्रदेश में बोर्ड परीक्षा में एनसीसी को ऐच्छिक विषय के रूप में शामिल किया गया है। बैठक में निम्न आय वर्ग के प्रतिभावान विद्यार्थियों को प्रोत्साहन के लिये केन्द्र सरकार की मदद से सेंट्रल सेक्टर स्कीम फॉर स्कॉलरशिप शुरू की गई है। स्कीम में प्रदेश में 4299 छात्रों का चयन मेरिट के आधार पर किया जाता है। इसका लाभ 50 प्रतिशत छात्रों को और शेष 50 प्रतिशत छात्राओं के लिये निर्धारित है। बैठक में मण्डल की परिसम्पत्तियों के जीर्णोद्धार की भी जानकारी दी गई।
मॉडल स्कूल की प्रशंसा
स्कूल शिक्षा मंत्री ने भोपाल सहित रीवा और रतलाम जिले के जावरा में संचालित बोर्ड के विद्यालयों की सराहना की। उन्होंने कहा कि बोर्ड को इस तरह के स्कूल प्रदेश के प्रत्येक संभाग मुख्यालय पर संचालित करना चाहिये।
हेल्पलाइन का हो प्रचार-प्रसार
स्कूल शिक्षा मंत्री ने बोर्ड द्वारा संचालित हेल्पलाइन का व्यापक प्रचार-प्रसार किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि प्रदेश के सभी प्रायवेट एवं सरकारी स्कूलों में हेल्पलाइन नम्बर-18002330175 का नोटिस बोर्ड में प्रचार हो। इस हेल्पलाइन के माध्यम से परीक्षा के दौरान विद्यार्थियों को उक्त टोल-फ्री नम्बर पर मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग की जाती है। बोर्ड द्वारा कक्षा 10 और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में असफल रहे विद्यार्थियों की काउंसलिंग कर उनका मनोबल बढ़ाने का प्रयास किया जाता है। हेल्पलाइन नम्बर के माध्यम से विद्यार्थियों को कॅरियर चुनने में विषय-विशेषज्ञों द्वारा मदद दी जाती है।