ममता सरकार में भर्ती शिक्षकों की खुलेंगी फाइलें, 11 साल के रिकॉर्ड खंगालेगी ED
कोलकाता
पश्चिम बंगाल में सामने आए कथित शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय जांच तेज करने की तैयारी में है। खबर है कि सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस के शासन में सरकारी स्कूलों में हुई प्राथमिक शिक्षकों की सभी भर्तियां जांच एजेंसी की रडार पर हैं। इस संबंध में उम्मीदवारों की जानकारी भी जुटाई जा रही है। खास बात है कि साल 2011 से 2021 तक राज्य में शिक्षा मंत्री रहे पार्थ चटर्जी को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
एजेंसी ने पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड से कुछ उम्मीदवारों की जानकारी मांगी है। ये उम्मीदवार 2011 में प्राथमिक शिक्षक के रूप में नियुक्त हुए थे। सरकारी स्कूलों में जारी कथित भर्ती घोटाले की जांच सेंट्रल इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो यानी सीबीआई और ईडी कर रहे हैं। ईडी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है। इसके अलावा एजेंसियां स्कूल सर्विस कमिशन (SSC) के जरिए भी भर्तियों में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही हैं।
प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'हमने सभी जिला प्राथमिक विद्यालय परिषदों को नियुक्त किए गए लोगों का नाम, पता, TET रोल नंबर समेत जानकारियां देने के लिए पत्र लिखा है।' साथ ही यह जानकारी भी मांगी गई है कि इन्हें किस किस प्राथमिक स्कूल में नियुक्त किया गया है। खास बात है कि टीएमसी के शासन में कम से कम तीन बार 2012, 2014 और 2017 में टीईटी एग्जाम हुए थे। वहीं, 2014 में भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं की बातें सामने आई थीं।
शुरू हुई सियासी बयानबाजी
टीएमसी सांसद शांतनु सेन का कहना है, 'यह हैरान करने वाला है कि आमतौर पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करने वाली ईडी अब शिक्षक नियुक्तियों की जांच कर रही है।' वहीं, भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने कहा, 'जो लोग शिक्षक भर्तियों के बारे में जानकारी देने में टालमटोल कर रहे थे, वे ईडी की जांच शुरू होने और कुछ के गिरफ्तार होने के बाद काफी सक्रिय हो गए हैं।'