चिनूक हेलीकॉप्टर को US आर्मी ने सेवा से रोका, टेंशन में भारत
वॉशिंगटन
अमेरिकी सेना ने इंजन में खराबी आने की घटनाओं के बाद एच -47 चिनूक हेलीकॉप्टरों के अपने बेड़े को रोक दिया है। ये हेलीकॉप्टर अमेरिकी सेना के सबसे प्रमुख हेलीकॉप्टर्स में से एक माना जाता रहा है, जिसमें वियतनाम युद्ध से लेकर मध्य पूर्व में युद्ध में अमेरिकी सेना का काफी साथ दिया है। लेकिन, अब यूएस आर्मी ने सेवा में तैनात 400 हेलीकॉप्टर्स को ग्राउंडेड कर दिया है, जिसके भारत भारत की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि भारत चिनूक हेलीकॉप्टर का प्रमुख खरीददार रहा है।
400 हेलीकॉप्टर्स सेवा से बाहर
इंजन में खराबी का खुलासा होने के बादअमेरिकी सेना ने 400 अच्छी तरह से सशस्त्र और काफी ज्यादा कीमत वाले करीब 400 चिनूक हेलीकॉप्टर को सेवा से बाहर कर दिया हैं और इंजन निर्माता कंपनी हनीवेल ने कुछ हेलीकॉप्टर्स की जांच करने के बाद अपनी रिपोर्ट में कहा है, कि इसके इंजन में कुछ खराबी है, जिसे पकड़ लिया गया है, जिसकी वजह से ये हेलीकॉप्टर अपनी क्षमताओं पर काम नहीं कर पा रहे हैं। अमेरिकी सेना की प्रवक्ता सिंथिया स्मिथ ने कहा कि, "सेना ने ईंधन रिसाव के मूल कारण की पहचान की है, जिसके कारण एच -47 हेलीकॉप्टरों की एक अलग संख्या में इंजन में आग लग गई और इस मुद्दे को हल करने के लिए सुधारात्मक उपायों को लागू कर रही है।" उन्होंने एक बयान में कहा कि, "हालांकि, इंजन में आग लगने की घटनाओं में ना ही किसी की मौत हुई है और ना ही कोई घायल हुआ है, लेकिन सेना ने एच -47 बेड़े को अस्थायी रूप से सावधानी से बाहर कर दिया है, जब तक कि सुधारात्मक कार्रवाई पूरी नहीं हो जाती।"
20 देशों में सेवा देता है चिनूक हेलीकॉप्टर
चिनूक हेलीकॉप्टर, जिसे मूल रूप से CH-47 के रूप में जाना जाता है, वो अमेरिकी सशस्त्र बलों के साथ-साथ ब्रिटेन और लगभग 22 अन्य देशों में सेवा में है और इसे बोइंग द्वारा बनाए गए हैं। दो रोटार के साथ, ये हेलीकॉप्टर भारी भार ले जा सकते हैं और युद्ध की स्थितियों के लिए अच्छी तरह से सशस्त्र हैं। इनका उपयोग अक्सर आपदा राहत अभियानों में भी किया जाता है। इस साल की शुरुआत में जर्मनी ने घोषणा की थी कि वह 60 हेलीकॉप्टर खरीदेगा। वहीं, अर्जेंटीना और फिलीपींस भी रूसी निर्मित हेलीकॉप्टरों के बजाय इस हेलीकॉप्टर को खरीदने के लिए तैयार हैं। वही, कंपनी हनीवेल ने कहा कि, वह हेलीकॉप्टर में आई इस दिक्कत के लिए जिम्मेदार नहीं है और कंपनी को नहीं पता है, कि इंजन में ओ-रिंग्स कैसे बन रहे हैं। कंपनी ने कहा कि, "अमेरिकी सेना और हनीवेल इस बात की पुष्टि करने में सक्षम है, कंपनी में बनते वक्त और इसके प्रोडक्शन के वक्त इंजन में ओ-रिंग नहीं बना था।"
चिनूक हेलीकॉप्टर क्या हैं?
चिनूक, एक भारी-भरकम हेलीकॉप्टर होता है, जिसका उपयोग नियमित और विशेष सेना दोनों बलों द्वारा किया जाता है। ये हेलीकॉप्टर एक साथ कम से कम 50 सैनिकों और भारी सामानों को लेकर उड़ान भर सकता है,लिहाजा सैनिकों के लिए ये काफी महत्वपूर्ण रहता है। पिछले छह दशकों से सेना के हेलीकॉप्टर बेड़े के लिए ये हेलीकॉप्टर एक प्रमुख केंद्र रहा है। चिनूक को एयरोस्पेस कंपनी बोइंग ने बनाया है। इस हेलीकॉप्टर में दो इंजन लगे होते हैं, जिसे हनीवेल इंटरनेशनल इंक ने बनाए हैं। बोइंग वेब पेज के अनुसार, चिनूक का प्राथमिक मिशन "सैनिकों, तोपखाने, उपकरण और ईंधन का परिवहन करना है।" हनीवेल ने कहा कि यह 22 देशों द्वारा उपयोग में है।
भारत में चिनूक हेलीकॉप्टर
भारत सरकार ने करीब 15 सीएच-47 चिनूक हेलीकॉप्टर खरीदे हैं, जो पिछले तीन सालों से इंडियन आर्मी की सेवा कर रहे हैं। ये हेलीकॉप्टर लद्दाख और सियाचिन ग्लेशियरों जैसे स्थानों में इन क्षेत्रों में तैनात भारतीय बलों की सहायता के लिए एयरलिफ्ट ऑपरेशन के लिए प्रमुख सैन्य उपकरणों में से एक के रूप में उभरे हैं। भारत को फरवरी 2019 में चिनूक हेलीकॉप्टरों का पहला बैच मिला था। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, बोइंग ने 2020 में भारतीय वायु सेना को 15 चिनूक हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी पूरी की थी। वहीं, इंजन में आई इस खराबी के बाद एक सरकारी अधिकारी ने कहा है, कि इंडियन एयरफोर्स में अभी भी चिनूक हेलीकॉप्टर ऑपरेशन में है और भारत ने उन कारणों का विवरण मांगा है, जिनके कारण इंजन में आग लगने के खतरे के कारण अमेरिकी सेना के चिनूक सीएच-47 हेलीकॉप्टरों के पूरे बेड़े को रोक दिया गया है।