November 24, 2024

अब पंजाब की शराब नीति पर उठा सवाल, शिअद ने की सीबीआइ जांच की मांग

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चंडीगढ़
दिल्‍ली के बाद अब पंजाब की नई शराब नीति (एक्‍साइज पालिसी) पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। शिरोमणि अकाली दल ने इस पर सवाल उठाए हैं और इसकी सीबीआइ या ईडी से जांच कराने की मांग की है। इस संंबंध में शिअद के प्रधान सुखबीर बादल की अगुवाई में पार्टी का एक शिष्टमंडल बुधवार को राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मिला।

राज्यपाल से मिला शिअद का शिष्टमंडल, एक्साइज पालिसी बनाने वालों पर सीबीआई जांच की मांग की
शिष्टमंडल ने ने मांग की है कि दिल्ली की तरह पंजाब में भी एक्साइज पालिसी की सीबीआइ या इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) से जांच होनी चाहिए। क्योंकि, जो पालिसी दिल्ली में लागू की गई वही पंजाब में भी लागू की गई। दिल्ली में जब एक्साइज पालिसी की जांच सीबीआइ व ईडी कर सकती है तो फिर पंजाब की क्यों नहीं।

आप सरकार ने एक्साइज पालिसी में बदलाव कर किया 500 करोड़ का घोटाला: सुखबीर
मांग पत्र सौंपने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए सुखबीर बादल ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने पंजाब में एक्साइज पालिसी में बदलाव करके अपने चहेतों को एल-वन देकर 500 करोड़ रुपये का घोटाला किया है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और सांसद राघव चड्ढ़ा सहित सभी राजनीतिक नेताओं के साथ साथ घोटाले में मदद करने वाले पंजाब सरकार के अधिकारियों के खिलाफ स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए’। बादल ने कहा, ‘दिल्ली की तरह, लगभग पूरा शराब का कारोबार दो कंपनियों को सौंप दिया गया। दोनों कंपनियों का मुनाफा मार्जिन 5 से बढ़ा कर 10 फीसदी कर दिया गया, आप ने बैक डोर से एल-वन के ठेकेदार से 500 करोड़ रुपये ले लिए।'

सुखबीर बाेले-  पंजाब की नई एक्‍साइज पालिसी दिल्‍ली में मनीष सिसोदिया के घर पर हुई तैयार
उन्होंने कहा कि पंजाब की भी सारी पालिसी दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर तैयार हुई। इसमें राघव चड्ढा, हरपाल चीमा, एक्साइज कमिश्नर वरुण रुज्म, फाइनेंशियल कमिश्नर केएपी सिन्हा, ज्वाइंट कमिश्नर नरेश दुबे समेत शराब के ठेकेदार मौजूद थे। इस संबंध में पहली बैठक 30 मई और दूसरी 6 जून को हुई।

पंजाब का शराब कारोबार बस दो कंपनियों को सौंपने का शिअद ने लगाया आरोप
बादल ने कहा कि पंजाब में हमेशा ही एल-वन के 100 से अधिक ठेकेदार रहते थे। नई पालिसी में पुराने ठेकेदारों को आउट कर दिया गया। नियम ऐसे बनाए गए कि शराब कंपनी, परचून विक्रेता एल-वन के ठेका नहीं ले सकेंगे। इसी प्रकार जिसकी टर्नओवर तीन वर्षों से 30 करोड़ रुपये होगी उसे ही ठेका दिया जाएगा। इसी नियम के तहत उन्हें ही ठेके दिए गए जिन्हें दिल्ली में दिए गए थे। सुखबीर बादल ने कहा कि इस नीति के परिणाम स्वरूप शराब का लगभग पूरा कारोबार दो कंपनियों ब्रिंडको और मेहरा ग्रूप के स्वामित्व वाली अनंत वाइंस को सौंप दिया गया। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली आबकारी घोटाले में केस एफआईआर दर्ज की गई है तो पंजाब के मामले में भी ऐसा ही किया जाना चाहिए।

सुखबीर ने कहा- एसआइटी से भाग नहीं रहा हूं, कोर्ट केस के कारण कल नहीं पेश हो पाया
वहीं, कोटकपूरा गोलीकांड में एसआइटी के समक्ष पेश नहीं होने पर सुखबीर ने कहा, मैंने खुद एसआइटी प्रमुख को फोन किया था। चूंकि जीरा में मेरा कोर्ट केस था इसलिए वह एसआईटी के समक्ष पेश नहीं हो पाए। उन्होंने कहा कि उन्हें कोई डर नहीं है। पहली बार जब एसआइटी ने सम्मन किया था तब वह विदेश में थे। जिसके बारे में एसआईटी को भी पता था। अब एसआईटी जब बुलाएगी वह पेश हो जाएंगे। इस मौके पर उनके साथ पार्टी के नेता बलविंदर सिंह भुंदड़, अनिल जोशी, मदन मोहन मित्तल आदि मौजूद थे।

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