कांग्रेस की मुख्यमंत्री साय को चुनौती, धर्मांतरण पर करें श्वेत पत्र जारी
रायपुर
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा धर्मांतरण को लेकर दिये गये बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को चुनौती देती है वह धर्मातरण को लेकर विशेष तौर पर छत्तीसगढ़ में धर्मातरण को लेकर श्वेत पत्र जारी करें। भारतीय जनता पार्टी की रमन सरकार में कितने चर्च बने थे और कांग्रेस के भूपेश बघेल सरकार के दौरान कितने चर्च बने थे, स्थितियों स्पष्ट हो जायेंगी।
भाजपा जनता पार्टी की जब-जब प्रदेश में सरकार रहती है वे स्वयं धर्मातरण को बढ़ावा देती है ताकि इस मुद्दे पर बयानबाजी करके मता का ध्रुवीकरण कर सके। भारतीय जनता पार्टी को हिन्दुत्व से, सनातन से कोई मतलब नहीं है। वो अपनी राजनीति करने के उद्देश्य से इस प्रकार की चीजों को प्रचारित प्रसारित करती है। छत्तीसगढ़ में भी धर्मांतरण की जो बातें उसके पीछे भारतीय जनता पार्टी है, नहीं तो श्वेत पत्र जारी करके बतायें कि रमन सरकार के 15 साल के कार्यकाल में कितने चर्च बने थे और कांग्रेस सरकार के पांच साल में कितने चर्च बने? छत्तीसगढ़ में 90 फीसदी चर्च भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में बना है। 2004 के पहले जितनी चर्च थी उससे 100 गुना ज्यादा चर्च 2004-2018 तक बनी है। 2018 के बाद एक भी चर्च एक भी चर्च का निर्माण नहीं हुआ है। धर्मांतरण हुआ है तो इसके पीछे जिम्मेदार कौन है, तत्कालीन सरकार थी जो भारतीय जनता पार्टी की थी।
बैज ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी जब चुनाव आता है तब उसी समय पर धर्मांतरण की बातें क्यों करती है? लोकसभा चुनाव सामने है तो भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर से धर्मांतरण का अलाप रही है। सुप्रीम कोर्ट ने 6 महिना पहले केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि धर्मांतरण देशव्यापी समस्या है तो कानून क्यों नहीं बनाया जाना चाहिये? आज तक सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश का केंद्र सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया है। केंद्र में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार है कानून बना देना चाहिये। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, हमारी सरकार थी तब इस बात को बार-बार उठाते थे धर्मांतरण हो रहा है तब हमारे मुख्यमंत्री ने खुली चुनौती दी थी यदि छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण हुआ है तो आप उसको थाने में जाकर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाईये हम कार्यवाही करेंगे। भारतीय जनता पार्टी का एक भी नेता पहल करने सामने नहीं आये।