ऋषि मुनियों के अवशेष का खनन बर्दास्त नही सिद्धा पहाड़ हमारी धार्मिक आस्था का केंद्र : नारायण त्रिपाठी
सतना
चित्रकूट की वह पवित्र भूमि सिद्धा पहाड़ जहां से भगवान श्री राम ने सपथ ली थी कि वे निशाचरों का नाश कर ऋषि मुनियों की रक्षा कर धर्म की स्थापना करेंगे जिस तपोभूमि से भगावन श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाऐ आज उसी पवित्र भूमि जहाँ के प्रमाण हमारे शास्त्रों में मौजूद है सिद्धा पहाड़ जिसका वर्णन हमारे रामायण में वर्णित है कि राक्षसों ने हमारे ऋषि मुनियों की हत्याएं कर उनकी अस्थियो मास मज़्ज़ा से पहाड़ का टीला बनाया उसी आस्था के केंद्र को आज सरकारे खनन कारोबारियों के हवाले करने जा रही है यह क्षेत्र की जनता हरगिज बर्दास्त करने वाली नही।
स्वयं माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी ने क्षेत्र में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए पूर्व में सिद्धा पहाड़ का गुणगान किया था और आज उसी पहाड़ को खनन कारोबारियों को सौंपना समझ से परे है जो किसी भी कीमत में नही होने दिया जाएगा। सिद्धा पहाड़ हमारे ऋषि मुनियों की धरोहर है जो धर्म की रक्षा हेतु अपने प्राणों की आहुति दे दी हम उसकी रक्षा क्षेत्र की जन मानष के साथ मिलकर अवश्य करेंगे।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि मै अपने वक्तातव्यो में पूर्व में भी कह चुका हूं कि भगवान श्री राम का जन्म अयोध्या में अवश्य हुआ है लेकिन कर्मभूमि विंध्य के सतना जिले का चित्रकूट धाम रहा है यहां के रग रग में भगवान की तमाम यादे समाहित है इसलिए इसे जितना सुंदर और भव्य बनाया जा सकता है कार्य किया जाय यहां की धरोहरों भगवान की यादों को संजोने का कार्य हो यदि उन्हें नष्ट करने का कार्य होगा तो हर स्तर पर लड़ाई लड़ने का कार्य किया जाएगा। हमारे विंध्य के महत्व को कभी समझने का प्रयास तो कभी हुआ नही यदि यहां की धरोहरों से छेड़छाड़ किया गया तो मौन नही रहा जा सकता विकट लड़ाई का आगाज कर ईट से ईंट बजाने का कार्य हर स्तर पर किया जाएगा।