Lok Sabha Election: क्या इंदौर में 40 साल का सूखा खत्म कर पाएगी कांग्रेस? जानें- समीकरण
इंदौर
इस बार के लोकसभा चुनाव में इंदौर में कांग्रेस चुनावी सीट का सूखा खत्म करने की कोशिश में रहेगी. चार दशक से कांग्रेस को इंदौर में हार का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में इंदौर सीट का सियासी समीकरण क्या है आईए जानते हैं? इंदौर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र मध्य प्रदेश राज्य के 29 लोकसभा (संसदीय) निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है. यह सामान्य श्रेणी की संसद सीट है. इसमें इंदौर जिले का हिस्सा शामिल है.
इंदौर में कुल कितने मतदाता?
इंदौर लोकसभा क्षेत्र की साक्षरता दर 70.47% है. इंदौर संसदीय सीट पर एससी मतदाताओं की संख्या लगभग 3,93,922 है, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 17% है. इंदौर संसद सीट पर एसटी मतदाता लगभग 1,11,225 हैं, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 4.8% हैं. इंदौर संसदीय सीट पर ग्रामीण मतदाताओं की संख्या लगभग 4,86,610 है, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 21% है. इंदौर संसदीय सीट पर शहरी मतदाताओं की संख्या लगभग 1,830,581 है, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 79% है. 2019 के संसदीय चुनाव के अनुसार इंदौर संसदीय सीट में कुल मतदाता 23,17,191 हैं.
इंदौर में 8 विधानसभा क्षेत्र शामिल
2019 के संसदीय चुनाव के अनुसार इंदौर संसदीय सीट के मतदान केंद्रों की संख्या 2,575 है. वहीं 2019 के संसदीय चुनाव में इंदौर संसदीय सीट पर मतदान का प्रतिशत 69.2% रहा. 2018 विधानसभा चुनाव में इंदौर संसदीय सीट पर 71.2% मतदान हुआ था. इंदौर लोकसभा क्षेत्र में 8 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. इनमें 203 देपालपुर, 204 इंदौर-1, 205 इंदौर-2, 206 इंदौर-3, 207 इंदौर-4, 208 इंदौर-5, 210 राऊ,और 211 सांवेर (अ.जा.) सीट शामिल हैं.
क्या है इंदौर का जातिगत समीकरण?
वहीं जातिगत समीकरण पर नजर डालें, तो इंदौर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में वर्तमान में जाति के आधार पर जनसंख्या प्रतिशत विभाजन कुछ इस तरह है, जिसमें बौद्ध 0.36%, ईसाई 0.58%, जैन 2.19%, मुस्लिम 12.67%, एससी 17%, एसटी 4.8%, और सिख 0.78% शामिल हैं. फिलहाल अभी इंदौर लोकसभा क्षेत्र से शंकर लालवानी सांसद हैं. वहीं अगर सीट का संसदीय इतिहास देखा जाए, तो 1989 से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है.
सुमित्रा महाजन ने 8 बार यहां से जीत दर्ज की
शंकर लालवानी से पहले इस सीट पर 1989 से लगातार 8 बार बीजेपी की सुमित्रा महाजन सांसद थीं. सुमित्रा महाजन 2014 से 2019 के बीच लोकसभा अध्यक्ष भी रही थीं. इंदौर सीट पर 1952 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नंदलाल जोशी की जीत हुई ती. वहीं 1957 में कन्हैयालाल खादीवाला, 1962 में होमी एफ. दाजी, 1967 में प्रकाश चंद्र सेठी, 1972 राम सिंह भाई, 1977 में जनता पार्टी के कल्याण जैन, 1980 और 1984 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई) के प्रकाश चंद्र सेठी चुनाव जीते.
2019 में भी जीती थी बीजेपी
वहीं 1989 में सुमित्रा महाजन को बीजेपी ने चुनाव मैदान में उतारा और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को 2019 तक अपने नाम से विजय दिलाई. वहीं 2019 में बीजेपी के शंकर लालवानी को सांसद चुना गया. 2019 भारतीय आम चुनाव में बीजेपी के शंकर लालवानी को 1,068,569 वोट मिले, जिसका प्रतिशत 65.59 था. वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार पंकज संघवी को 5,20,815 वोट मिले, 31.97 फीसदी था.