November 26, 2024

सीआरपीएफ 150 वीं बटालियन के साथ ही रहता है, एक बकरा चामुंडा

0

सुकमा

नक्सल प्रभावित इलाकों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल 150 वीं बटालियन के जवानों का एक खास दोस्त है, इस खास दोस्त के बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। यह दोस्त कोई और नहीं, बल्कि एक बकरा है, जिसका नाम है चामुंडा। वह करीब 10 वर्ष से बटालियन के साथ ही रहता है। बटालियन जहां कहीं भी जाती है, उसे अपने साथ लेकर जाती है। इस तरह वह पोस्ट टू पोस्ट सीआरपीएफ जवानों के साथ रहता है। नक्सलियों के साथ मुठभेड़ के बाद चामुंडा वहां बैठा आराम से पेड़ से पत्तियां खाता और कैंप में घूमता-फिरता देखा जा सकता है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार चामुंडा बकरे के सीआरपीएफ बटालियन से जुड?े की कहानी भी बेहद खास है। वर्ष 2014 में बटालियन सुकमा जिले के कांकेरलांका गांव में तैनात थी। इसी दौरान एक जवान को यह बकरा मिला था। तब यह मात्र 45 दिन का था और बीमार था। इसके मालिक ने इसे कैंप के पास छोड़ दिया था, वह चल भी नहीं पा रहा था। इसके बाद बटालियन के लोगों ने इसकी देखरेख की और वह फिर से स्वस्थ हो गया। अब यह कैंप के परिवार के सदस्य की तरह हो गया है। अगर वह बीमार पड़ता है तो जवान उसके लिए दवा लेने रायपुर तक चले जाते हैं। बटालियन के एक जवान ने इसके नामकरण की कहानी बताई।

उन्होंने बताया कि जब हम किसी मिशन पर निकलते हैं या वापस आते हैं तो चामुंडा माता की जय का नारा लगाते हैं। उस दिन भी हमने चामुंडा मां का नाम लिया और बकरे को मलेरिया का टैबलेट दिया। इस टैबलेट को खाने के बाद वह ठीक हो गया और हमारे ही कैंप में रहने लगा। बता दें कि सीआरपीएफ 150 वीं बटालियन का राजस्थान के अजमेर स्थित चामुंडा देवी मंदिर से बेहद खास रिश्ता है। जब बटालियन अपने स्पेशल वाहन से एक कैंप से दूसरे कैंप में जाती है तब भी यह बकरा उनके खास वाहन में सवार होकर आता-जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *