संकट में टेक इंडस्ट्री! एक महीने में 32000 कर्मचारियों ने गंवाई नौकरी
मुंबई
टेक इंडस्ट्री के कर्मचारियों के लिए यह साल काफी डरावना साबित हो रहा है। इस साल अब तक लगभग 32,000 टेक कर्मचारियों ने अपनी नौकरी खो दी है। छंटनी करने वाली कंपनियों में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन, Salesforce इंक और मेटा इंक जैसे बड़े दिग्गज शामिल हैं। कोविड महामारी के बाद से टेक इंडस्ट्री में छंटनी को ट्रैक करने वाले Layoffs.fyi ने बताया कि 122 से अधिक टेक कंपनियों और स्टार्टअप ने करीब 32 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया और यह सिलसिला अब भी जारी है।
2 साल में 4 लाख से ज्यादा छंटनी
दुनिया भर में स्टार्टअप समेत टेक कंपनियों ने 2022 और 2023 में 4,25,000 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया, जबकि इसी समय सीमा में भारत में 36,000 से अधिक कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया।
किस कंपनी में कितनी छंटनी
वैसे तो 120 से ज्यादा छोटी-बड़ी कंपनियों ने जनवरी महीने में छंटनी की है लेकिन इसमें कुछ बड़ी कंपनियां शामिल हैं। इसका ताजा उदाहरण Snap Inc है, जो वर्कफोर्स में लगभग 10% या लगभग 540 कर्मचारियों की कटौती कर रहा है। उदाहरण के लिए जूम ने लगभग 150 कर्मचारियों की छंटनी कर रहा है। जूम के अलावा, क्लाउड सॉफ़्टवेयर विक्रेता ओक्टा ने भी 400 कर्मचारियों या अपने वर्कफोर्स के लगभग 7 प्रतिशत को नौकरी से निकालने की योजना की घोषणा की।
ऑनलाइन भुगतान गेटवे पेपाल ने वर्कफोर्स के कम से कम 9 प्रतिशत, लगभग 2,500 कर्मचारी प्रभावित होंगे। गूगल के स्वामित्व वाला यूट्यूब अपनी निर्माता प्रबंधन और संचालन टीमों से कम से कम 100 कर्मचारियों की छंटनी कर रहा है। इसी तरह, वीईएम सॉफ्टवेयर ने कथित तौर पर 300 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है।
रोबोट कंपनी में छंटनी
उपभोक्ता रोबोट बनाने वाली कंपनी आईरोबोट ने लगभग 350 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की घोषणा की है, जो उसके वर्कफोर्स का लगभग 31 प्रतिशत है। कंपनी के संस्थापक और सीईओ, कॉलिन एंगल भी पद छोड़ देंगे। इसके अलावा सेल्सफोर्स नौकरी में कटौती करने वाली कंपनी बन गई है, इसने लगभग 700 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है।
संकट की वजह
Layoffs.fyi के रोजर ली के मुताबिक कोविड मामलों में वृद्धि और ब्याज दर में बढ़ोतरी का प्रभाव अब दिख रहा है। कई कंपनियां आर्टिफिशिल इंटेलीजेंस की रेस में शामिल होने के लिए इसे भी छंटनी का एक फैक्टर मान रही हैं।