भारत की विकास दर का अनुमान Goldman Sachs और Moodys ने घटाया, मॉर्गन स्टेनली ने कहा- टला नहीं है खतरा
नई दिल्ली
गोल्डमैन सैश (Goldman Sachs) ने अप्रैल-जून तिमाही की जीडीपी ग्रोथ के बाजार अनुमानों से कम रहने के बाद भारत के लिए अपने विकास अनुमान को संशोधित कर दिया है। रायटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रिसर्च हाउस ने 2022 के सकल घरेलू उत्पाद के विकास के अनुमान को 7.6 फीसद से घटाकर 7 फीसद कर दिया और चालू वित्त वर्ष के अनुमान को 20 आधार अंकों तक कम कर दिया है। मूडीज (Moody's) ने भी 2022 के लिए भारत के आर्थिक विकास के अनुमान को घटाकर 7.7% कर दिया है। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने गुरुवार को भारत के 2022 के आर्थिक विकास के अनुमान को घटाकर 7.7 प्रतिशत कर दिया और कहा कि बढ़ती ब्याज दरें, असमान मानसून और धीमी वैश्विक वृद्धि भारत की आर्थिक गति को प्रभावित करेगी।
क्या है मूडीज का आकलन
मूडीज ने मई में इस साल भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 8.8 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया था। ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2022-23 के अपने अपडेट में, मूडीज ने कहा कि आरबीआई द्वारा घरेलू मुद्रास्फीति के दबाव को और अधिक बढ़ने से रोकने के लिए 2023 में एक सख्त नीतिगत रुख बनाए रखने की संभावना है।
उम्मीद से कम रहे जीडीपी के आंकड़े
आपको बता दें कि 2022 की अप्रैल-जून तिमाही में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि में सालाना आधार पर 13.5% की बढ़ोतरी हुई है, जो उम्मीद से कम है।
गोल्डमैन सैश ने लगाया 7 फीसद का अनुमान
गोल्डमैन सैश में भारत के अर्थशास्त्री शांतनु सेनगुप्ता ने कहा कि जीडीपी डाटा उम्मीदों से काफी कम था। सेनगुप्ता ने बताया कि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि गति घटकर तिमाही-दर-तिमाही के आधार पर -3.3% हो गई, जबकि जनवरी-मार्च की अवधि में इसमें 0.5% की वृद्धि हुई थी। उन्होंने बताया कि घरेलू मांग के मुख्य फैक्टर्स में उम्मीद के मुताबिक बावजूद गिरावट अनुमान से कहीं अधिक रही। रिसर्च हाउस ने 2022 के सकल घरेलू उत्पाद के विकास के अनुमान को 7.6% से घटाकर 7% कर दिया और चालू वित्त वर्ष के अनुमान को 20 आधार अंकों तक कम कर दिया है।
क्या है मॉर्गन स्टैनली का अनुमान
उधर रेटिंग एजेंसी मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) ने एक नोट में कहा कि अप्रैल-जून के दौरान उम्मीद से कम वृद्धि ने चालू वित्त वर्ष के विकास अनुमानों में 40 आधार अंकों की गिरावट का जोखिम पैदा कर दिया है। मॉर्गन स्टेनली का कहना है कि निवेश में उम्मीद से थोड़ी कमजोर वृद्धि ने भारत की जीडीपी में रुकावट पैदा की और इसके चलते जीडीपी का एक्चुअल डाटा पूर्वानुमान से कम रहा। मार्गन स्टैनली ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 7.2% के विकास अनुमान में 40 आधार अंकों की गिरावट का जोखिम है।