November 12, 2024

हरदा हादसे पर एनजीटी ने लिया स्वत: संज्ञान, फैक्ट्री मालिकों को 10 दिन में देनी होंगी इतनी रकम……

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हरदा

 हरदा में अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाके पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) सेंट्रल जोन ने स्वत: संज्ञान लिया है। एनजीटी ने फैक्ट्री के मालिकों, पर्यावरण सचिव, मध्य प्रदेश, मुख्य नियंत्रक पेट्रोलियम एवं विस्फोटक, सेफ्टी संगठन, हरदा में नगर पालिका परिषद, हरदा के जिला मजिस्ट्रेट और जोन के इंस्पेक्टर जनरल को नोटिस जारी किया है। एनजीटी ने सभी को मामले के संबंध में जवाब देने को कहा है।

एनजीटी ने फैक्ट्री मालिकों को धमाके के पीड़ितों को अंतरिम मुआवजा देते हुए प्रत्येक मौत के लिए 15 लाख रुपये और गंभीर चोटों के लिए 5 लाख रुपये जमा करने का आदेश दिया है। ट्रिब्यूनल का मानना है कि फैक्ट्री मालिकों को सुनवाई का मौका देना जरूरी है लेकिन प्रभावित व्यक्तियों तक न्यूनतम अंतरिम राहत पहुंचनी चाहिए। यह राहत/ मुआवजा राशि सरकार द्वारा घोषित राशि अतिरिक्त होगी।

एनजीटी ने फैक्ट्री मालिकों को 10 दिनों के अंदर यह राशि जमा करने के लिए कहा है। साथ ही कहा है कि यदि मालिक राशि स्वेच्छा से जमा नहीं करवाते हैं तो जिला कलेक्टर राशि वसूलने के लिए बलपूर्वक तरीकों का सहारा ले सकते हैं, लेकिन अंतरिम राहत की राशि एक महीने के अंदर वितरित की जानी चाहिए, फिर बेशक मालिकों से राशि वसूली करने से पहले इसके लिए राज्य के फंड का उपयोग करना पड़े।

ग्रीन ट्रिब्यूनल ने मुख्य सचिव को ट्रिब्यूनल द्वारा अपने आदेश में बताए बिंदुओं पर घटनाओं की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने के लिए कहा। न्यायिक सदस्य शियो कुमार सिंह और डॉ अफरोज अहमद वाले न्यायाधिकरण ने  घटना में मरने वालों, घायलों की कुल संख्या और चोट की प्रकृति, वह परिस्थिति जिसके तहत फैक्ट्री को आवासीय क्षेत्र में चलाने की अनुमति दी गई, उस व्यक्ति और प्राधिकारी की जिम्मेदारी जिसने आवासीय क्षेत्र में इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री के भंडारण की अनुमति दी, जैसे बिंदुओं पर जांच के आदेश दिए हैं। इसके अलावा विस्फोटकों के सुरक्षित भंडारण को सुनिश्चित करने में सरकारी एजेंसियों की विफलता के अलावा अन्य बिंदुओं के बारे में भी रिपोर्ट मांगी है, जिनके आधार पर जांच की जानी चाहिए।

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