November 25, 2024

कब है जया एकादशी, शुभ-मुहूर्त में पीले वस्त्र पहनकर करें आराधना

0

 हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है। बता दें कि साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है। ऐसे में हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष में एक-एकादशी पड़ती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु से साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति मिल जाती है और भय से मुक्ति मिल जाती है। जानें जया एकादशी की सही तिथि, मुहूर्त और महत्व…
कब है जया एकादशी 2024?

हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी 19 फरवरी को सुबह 08 बजकर 50 मिनट से 20 फरवरी को सुबह 09 बजकर 52 मिनट तक रहेगी। ऐसे में जया एकादशी का व्रत 20 फरवरी को रखा जाएगा।

जया एकादशी 2024 शुभ योग

इस बार जया एकादशी पर काफी शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन आयुष्मान योग के साथ त्रिपुष्कर और प्रीति योग बन रहा है। त्रिपुष्कर योग दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से पूरे दिन रहने वाला है।

जया एकादशी 2024 महत्व
जया एकादशी के महत्व के बारे में पद्म पुराण और भविस्योथर पुराण में विस्तार से किया गया है। श्रीकृष्ण ने स्वयं पांडवों के सबसे बड़े पुत्र युधिष्ठिर को इस शुभ एकादशी व्रत की महिमा और पालन करने की विधि का भी वर्णन किया। बता दें कि जया एकादशी व्रत को बहुत ही शक्तिशाली माना जाता है। इस व्रत को रखने से व्यक्ति सबसे जघन्य पापों यहां तक कि ब्रह्महत्या से भी मुक्त कर सकता है। इस व्रत को करने से अन्य एकादशी से दोगुना फल की प्राप्ति होती है। जया एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी और शिव जी की पूजा करना शुभ माना जाता है।

जया एकादशी 2024 पूजा विधि

जया एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि करके साफ वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करें। उन्हें पीला चंदन, अक्षत, फूल, माला, भोग लगाने के साथ तुलसी दल चढ़ाएं। इसके साथ ही घी का दीपक और धूप जलाकर विधिवत एकादशी व्रत कथा, विष्णु चालीसा, मंत्र का पाठ करने के साथ विष्णु सहस्रनाम और नारायण स्तोत्र का पाठ कर लें। अंत में विधिवत आरती करने के साथ भूल चूक के लिए माफी मांग लें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *