जलवायु विशेषज्ञों ने किया आगाह- आने वाले सालों में और खराब होगी स्थिति
इस्लामाबाद
पाकिस्तान के शीर्ष जलवायु व पर्यावरण विशेषज्ञ का मानना है कि ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव हैरान कर देने वाले हैं क्योंकि इससे देश बाढ़ की विभिषिका झेलने को मजबूर हो गया है। विशेषज्ञों ने आगाह करते हुए कहा कि यह तो मात्र जलवायु परिवर्तन की शुरुआत है, आगे जाकर यह और खराब होने वाला है।
1000 से अधिक लोगों की जा चुकी है जान
बाढ़ की चपेट में आए पाकिस्तान में अब तक बाढ़ के कारण 1100 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। इसके अलावा बाढ़ के कारण यहां की खेती और मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए और यहां की 33 मिलियन जनसंख्या प्रभावित है। इस प्राकृतिक आपदा के कारण देश की सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की गुहार लगाई है।
जलवायु परिवर्तन से प्रभावित देशों की लिस्ट में आठवें पायदान पर पाकिस्तान
हाल में ही इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने विदेशी राजनयिकों से मुलाकात की थी। प्रधानमंत्री ने बताया कि 33 मिलियन से अधिक लोग भारी बारिश के कारण आए बाढ़ से तबाह हो गए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कार्बन उत्सर्जन फुटप्रिंट नगण्य है लेकिन यह जलवायु परिवर्तन के कारण भयावह स्थिति झेलने वाले देशों की लिस्ट में आठवें पायदान पर है। शरीफ ने बताया कि देश को होने वाले आर्थिक नुकसान की समीक्षा की जा रही है जो अरबों में है।
पर्यावरणविदों ने किया आगाह
कराची में पर्यावरण वैज्ञानिक डा. सीमा जिलानी ने चेताया, 'जलवायु परिवर्तन के नतीजे चौंकाने वाले हैं। पाकिस्तान व दुनिया के अन्य इलाकों में जो भी हो रहा है वह जलवायु परिवर्तन का दुष्परिणाम है।' डा. जिलानी व कराची यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. आमिर आलमगीर की तरह अन्य विशेषज्ञ सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन पर रिसर्च कर रहे हैं। हमने पाकिस्तान में इस मानसून के मौसम में जो भी देख वह मात्र शुरुआत है आने वाले समय में मौसम में होने वाला बदलाव और भी बुरा होगा, हमें इसके लिए तैयारी करनी होगी।'
पिछले सप्ताह देश के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार (एनडीएमए) ने बताया कि अब तक 1,033 लोगों की जान गई है। सिंध में अब तक 347 लोगों की जान गई है। जबकि बलूचिस्तान में 238, खैबर पख्तूनख्वा में 226, पंजाब में 168, गुलाम कश्मीर में 38, गिलगिट बाल्टिस्तान में 15 और इस्लामाबाद में एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है। बाढ़ से 3,451.5 किलोमीटर सड़क तबाह हो गई है और 147 पुल बह गए हैं। 170 दुकानें नष्ट हई हैं और 9,49,858 क्षतिग्रस्त या पूरी तरह तबाह हो गए हैं।