September 30, 2024

Farmer Protest: MSP गारंटी के लिए पीएम के नाम किसानों ने सौंपा ज्ञापन, आठ मांगों को पूरा करने का किया अनुरोध

0

राजिम/रायपुर.

संयुक्त किसान मोर्चा एवं संयुक्त ट्रेड यूनियन मंच के देशव्यापी ग्रामीण भारत बंद के आह्वान पर भारतीय किसान यूनियन एवं अंशकालिक स्कूल कर्मचारी संघ के कार्यकर्ताओं ने पंडित सुंदरलाल शर्मा चौक राजिम में प्रदर्शन कर तहसीलदार राजिम रूपेश मरकाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में किसानों ने कहा कि बीते दो साल पूर्व कृषि सुधार के नाम पर लाये गए कृषि, किसान और आम उपभोक्ता विरोधी कॉरपोरेट हितैषी कानूनों के खिलाफ देश के किसान दिल्ली सीमाओं पर 13 महीने तक आंदोलनरत रहे तथा केंद्र सरकार की लिखित आश्वासन के बाद आंदोलन से वापस हुए थे, जिसमें 750 से ज्यादा किसानों ने अपनी प्राणों की आहुति दी थी। लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी किसानों की मांगों के ऊपर केन्द्र सरकार ने कोई ठोस पहल नहीं किया। कॉरपोरेट कंपनियों के हित में श्रम कानूनों में बड़ी बदलाव कर चार श्रम सहिंता बनाया जो घोर मजदूर विरोधी है, जिससे मजदूर सुरक्षित व स्थायी रोजगार से वंचित हो रहे हैं इसे रद्द करने की मांग देश के मजदूर संगठनों द्वारा किया जा रहा है। वर्तमान में अंशकालिक एवं अनियमित कर्मचारियों को स्थायी किया जाना अति आवश्यक है, क्योंकि सभी विभागीय कार्यालयों में नियमित कर्मचारियों का अभाव बना हुआ है।

किसानों को कर्ज मुक्त बनाने के लिए डॉ एम एस स्वामीनाथन की अध्यक्षता में गठित कमेटी के सिफारिशों के अनुसार न्यूनतम समर्थन घोषित करने व खरीद की कानूनी गारंटी देने से स्वामीनाथन को भारत रत्न देने का सम्मान और भी बढ़ जाता। विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा मोदी गारंटी के नाम पर चुनाव लड़ा और बड़ी राज्यों में जीतकर आये। इसका तात्पर्य है कि राज्यों के शासन को भी मोदी गारंटी के आधार पर ही संचालित किया जा रहा है, जबकि प्रधानमंत्री पूरे देश का प्रतिनिधित्व करता है इसलिए इसे राज्यों तक सीमित न रखकर देश की जनता को गारंटी देनी चाहिए। संयुक्त किसान मोर्चा एवं संयुक्त ट्रेड यूनियन मंच के देशव्यापी ग्रामीण भारत बंद के आह्वान पर आज 16 फरवरी 2024 को पं. सुन्दरलाल शर्मा चौक राजिम में हम अपना विरोध प्रदर्शन कर ज्ञापन के माध्यम से प्रधानमंत्री को संयुक्त किसान मोर्चा व संयुक्त ट्रेड यूनियन मंच की मांगों के साथ साथ निम्नलिखित मांगो को पूरा करने का अनुरोध किया है।

0- स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दो।
0- मजदूरों को कॉरपोरेट कंपनियों की गुलाम बनाने वाली चार श्रम सहिंता वापस लो।
0- कोयला उत्खनन के लिए हसदेव अरण्य का विनाश करना बंद करो।
0- जल, जंगल, जमीन से आदिवासियों की बेदखली पर रोक लगाओ।
0- माओवाद के नाम पर निर्दोष आदिवासियों की प्रताड़ना बंद हो।
0- छत्तीसगढ़ में गेल इंडिया पाईप लाईन के प्रभावित  किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए।
0- अंशकालिक एवं अनियमित कर्मचारियों को स्थायी किया जाए।  
0- ईवीएम मशीन से चुनाव पर विविपेट पर्ची की गिनती अनिवार्य किया जाए।

आंदोलनकारियों ने आशा व्यक्त की है कि इसे केवल हरियाणा या पंजाब के ही किसानों का आंदोलन अथवा असमाजिक तत्वों का आंदोलन न मानकर देश की अन्नदाताओं एवं श्रमिकों की पुकार मानकर मांगो को पूरा किया जाए। कार्यक्रम में भारतीय किसान यूनियन छत्तीसगढ़ के महासचिव तेजराम विद्रोही, गरियाबंद जिला संयोजक मदनलाल साहू, अभनपुर ब्लॉक संयोजक धनेश्वरी डांडे, अंशकालिक स्कूल सफाई कर्मचारी संघ के जिला मीडिया प्रभारी खेमुराम आडिल, राजा ठाकुर, मोहन चक्रधारी, ललित कुमार साहू,  मूलचंद साहू, रेखुराम साहू, नंदू ध्रुव, भुनुराम साहू, मनोज कुमार साहू आदि सम्मिलित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *