November 29, 2024

जॉर्जिया सीनेट सीट से चुनाव लड़ने वाले अश्विन रामास्वामी ‘जेन जेड’ के पहले भारतीय-अमेरिकी

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जॉर्जिया सीनेट सीट से चुनाव लड़ने वाले अश्विन रामास्वामी 'जेन जेड' के पहले भारतीय-अमेरिकी

सत्ता में आई तो भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान के साथ संबंध मजबूत करूंगी: निक्की हेली

पुतिन का पक्ष ले रहे हैं पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप: निक्की हेली

वाशिंगटन

अश्विन रामास्वामी अमेरिका में राज्य या संघीय विधायिका के लिए चुनाव लड़ने वाले 'जेनरेशन जेड' से पहले भारतीय-अमेरिकी बन गए हैं। यह समुदाय से उभर रहे युवा राजनेताओं की एक नई पीढ़ी का संकेत है।

रामास्वामी के माता-पिता 1990 में तमिलनाडु से अमेरिका आ गये थे। जेनरेशन जेड (जिसे जूमर्स के नाम से भी जाना जाता है) में 1997 और 2012 के बीच पैदा हुए लोग शामिल हैं।

रामास्वामी (24) ने एक हालिया साक्षात्कार में  को बताया, "मैं अपने समुदाय का आभार जताने और उसकी सेवा के लिए (जॉर्जिया) राज्य सीनेट के लिए चुनाव लड़ रहा हूं। मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि हर किसी को वही अवसर मिले जो मुझे बड़े होने पर मिले थे।"

उन्होंने कहा, "मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि हमारे पास एक नई आवाज हो, जो लोग युवा हैं, जो राजनीति में गैर पारंपरिक पृष्ठभूमि से आते हैं क्योंकि यह वास्तव में महत्वपूर्ण है कि हमारे पास ऐसे लोग हों जो हमारा प्रतिनिधित्व करें, न कि केवल ऐसे लोग जो इसे करने में सक्षम हों।"

रामास्वामी दूसरी पीढ़ी के भारतीय-अमेरिकी हैं और उन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, चुनाव सुरक्षा और प्रौद्योगिकी कानून और नीति अनुसंधान में अपना करियर बनाया है। वह जॉर्जिया के जिला-48 में राज्य सीनेट के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं।

रामास्वामी एक डेमोक्रेट हैं और वह निवर्तमान रिपब्लिकन शॉन स्टिल की जगह लेने की उम्मीद कर रहे हैं, जिन पर छह जनवरी को अमेरिकी कैपिटल (संसद परिसर) में उपद्रव के लिए पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ आरोप लगाया गया था।

रामास्वामी चुनाव जीतते हैं तो वह जॉर्जिया में जेनरेशन जेड के पहले राज्य सीनेटर होंगे और यह उपलब्धि रखने वाले भी यहां के पहले सीनेटर होंगे जिसके पास कंप्यूटर विज्ञान और कानून दोनों की डिग्री हो।

एक सवाल के जवाब में रामास्वामी ने कहा, "प्रत्येक व्यक्ति को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि लोगों को नौकरियों और अर्थव्यवस्था, उद्यमिता के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवा, प्रजनन अधिकार और हमारे लिए मायने रखने वाले सभी मुद्दों तक पहुंच मिले। इसीलिए मैं चुनाव लड़ रहा हूं।"

उनके माता-पिता भी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र से जुड़े हैं।

उन्होंने कहा, "मेरे माता-पिता दोनों 1990 के दशक में अमेरिका आये थे। वे दोनों तमिलनाडु से हैं। मेरी मां चेन्नई से हैं, मेरे पिता कोयंबटूर से हैं। मैं भारतीय और अमेरिकी संस्कृति के बीच पला-बढ़ा हुआ हूं। मैं एक हिंदू हूं। मुझे अपने पूरे जीवन में भारतीय संस्कृति, दर्शन में बहुत रुचि रही है।"

उन्होंने बताया कि वह चिन्मय मिशन बालविहार गए जहां उन्होंने रामायण, महाभारत और भगवद गीता जैसे महाकाव्यों के बारे में पढ़ा।

सत्ता में आई तो भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान के साथ संबंध मजबूत करूंगी: निक्की हेली

वाशिंगटन

राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से उम्मीदवारी पाने का प्रयास कर रहीं भारतीय-अमेरिकी निक्की हेली ने कहा कि अगर वह सत्ता में आती हैं तो उनका प्रशासन न केवल उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के साथ बल्कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया और फिलीपीन सहित कई अन्य देशों के साथ अपने संबंधों का मजबूत करेगा।

हेली ने कहा कि अगर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोबारा चुने जाते हैं तो नाटो के साथ संबंधों के लिए खतरा हो सकता है। उन्होंने 'एबीसी न्यूज' से बातचीत में कहा, ‘‘अगर ट्रंप दोबारा चुने जाते हैं तो मैं कई मुद्दों को लेकर चिंतित हूं। नाटो के साथ संबंधों के लिए खतरा उनमें से एक है। नाटो 75 साल की सफलता की कहानी है। ''

अमेरिका में 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन भरने की दौड़ में रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से हेली ट्रंप के खिलाफ एकमात्र उम्मीदवार बची हैं।

नाटो 31 सदस्य देशों का एक अंतरसरकारी सैन्य गठबंधन है, जिसमें यूरोप के 29 और उत्तरी अमेरिका के दो देश शामिल हैं।

हेली ने कहा कि चीन हमेशा से इस गठबंधन का मुखर विरोधी रहा है। ऐसे में नाटो को मजबूत बनाना जरूरी है।

करीब एक सप्ताह पहले कैरोलिना में ट्रंप ने टिप्पणी करते हुये कहा था कि वह रूस को किसी भी नाटो सदस्य देश के साथ ''कुछ भी करने के लिए'' प्रोत्साहित करेंगे। हेली इस संबंध में पूछे गये सवाल पर ही प्रतिक्रिया दे रही थीं।

हेली ने कहा कि इस गठबंधन में और अधिक मित्र देशों को जोड़ना जरूरी है। यह गठबंधन के साथ खड़े होने का समय है। यह न तो किसी ठग का पक्ष लेने का समय है और न ही उन मित्र देशों का पक्ष लेने का समय है जो कि 11 सितंबर के हमले के बाद अमेरिका के साथ खड़े थे।

एक सवाल के जवाब में हेली ने कहा, ‘‘मैं वादा करती हूं कि अगर राष्ट्रपति के रूप में काम करने का मौका मिला तो हम न केवल नाटो को मजबूत करेंगे, बल्कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया, फिलीपीन के साथ संबंधों को भी मजबूत करेंगे। हम इसमें और देशों को जोड़ेंगे। यह अमेरिका के मित्र देशों की संख्या बढ़ाने के बारे में है न कि उन्हें कम करने के बारे में है।''

पुतिन का पक्ष ले रहे हैं पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप: निक्की हेली

वाशिंगटन,

अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उम्मीदवारी के लिए प्रयासरत निक्की हेली ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का पक्ष लेने को लेकर अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी एवं पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना की।

हेली ने 'एबीसी न्यूज' से एक साक्षात्कार में कहा कि पुतिन ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जिनके साथ अमेरिका दोस्ती कर सके। उन्होंने कहा, ''अमेरिकी लोगों को याद दिलाने की जरूरत है कि व्लादिमीर पुतिन हमारे दोस्त नहीं हैं। व्लादिमीर पुतिन अच्छे व्यक्ति नहीं हैं। वह ऐसे व्यक्ति नहीं है जिनके साथ हम जुड़ना चाहते हैं। वह ऐसे व्यक्ति नहीं है जिनके साथ हम मित्रता करना चाहते हैं। वह ऐसे व्यक्ति नहीं है जिन पर हम भरोसा कर सकें।''

हेली ने कहा, ''जब आपने डोनाल्ड ट्रंप को एक सप्ताह पहले साउथ कैरोलाइना में यह कहते सुना कि यदि हमारे सहयोगी अपने दायित्व (रक्षा पर खर्च के अपने लक्ष्यों को) पूरा नहीं करेंगे तो वह पुतिन को हमारे सहयोगियों पर आक्रमण करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। यह रोंगटे खड़े कर देने वाली बात है क्योंकि उस एक पल में उन्होंने पुतिन को सशक्त बना दिया।'' उन्होंने कहा कि पुतिन ऐसे व्यक्ति हैं जो अपने राजनीतिक विरोधियों को मार देते हैं।

 

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