September 26, 2024

आईएएस अधिकारी मोहम्मद सुलेमान पर HC की अवमानना मामले में लटक रही सजा की तलवार

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जबलपुर

मध्य प्रदेश के सीनियर आईएएस अधिकारी मोहम्मद सुलेमान पर हाई कोर्ट की अवमानना के मामले में सजा की तलवार लटक रही है. भोपाल गैस त्रासदी मामले से संबंधित अवमानना याचिका में हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार के एसीएस मोहम्मद सुलेमान सहित राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र के अमर कुमार सिन्हा और विजय कुमार विश्वकर्मा को अवमानना का दोषी करार दिया था. हालांकि, सरकार की ओर से इस आदेश को वापस लेने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया गया था. सोमवार (19 फरवरी) को जस्टिस शील नागू और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने सरकार के आवेदन पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है.

यहां बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2012 में भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन सहित अन्य की ओर से दायर की गई याचिका की सुनवाई करते हुए भोपाल गैस पीड़ितों के उपचार व पुनर्वास के संबंध में 20 निर्देश जारी किये थे. इन बिंदुओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित कर मॉनिटरिंग कमेटी का गठित करने के निर्देश भी जारी किये गए थे.मॉनिटरिंग कमेटी को प्रत्येक तीन माह में अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट के समक्ष पेश करनी थी. इस रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट द्वारा केन्द्र व राज्य सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने के सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए थे जिसके बाद उक्त याचिका पर हाईकोर्ट द्वारा सुनवाई की जा रही थी.

साल 2015 में दायर की गई थी एक और अवमानना याचिका
याचिका के लंबित रहने के दौरान मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसाओं का परिपालन नहीं किए जाने के खिलाफ भी एक अवमानना याचिका 2015 में दायर की गई थी. इसके बाद जबलपुर हाई कोर्ट की युगलपीठ ने तीनों अधिकारियों एसीएस मोहम्मद सुलेमान सहित राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र के अमर कुमार सिन्हा तथा विजय कुमार विश्वकर्मा को अवमानना का दोषी ठहराया था. सजा पर सुनवाई के दिन आनन-फानन में सरकार की ओर से यह आदेश वापस लेने का आग्रह किया गया.

आवेदन में कहा गया कि कोर्ट के आदेश का परिपालन करने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं. मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा के परिपालन के लिए समयबद्ध कार्यक्रम निर्धारित किया जा सकता है. मॉनिटरिंग कमेटी इस संबंध में संबंधित विभाग की संयुक्त बैठक आयोजित कर सकती है.

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