अब भारतीय रुपए में अंतरराष्ट्रीय कारोबार करने की अनुमति मिली
मुंबई
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए भारतीय आयातकों और निर्यातकों को भारतीय रुपए में अंतरराष्ट्रीय कारोबार करने की अनुमति दे दी। माना जा रहा है कि केंद्रीय बैंक के इस फैसले से देश में डॉलर की मांग पर अंकुश लगेगा। इससे रुपए का अवमूल्यन रुकेगा। इस फैसले का एक और फायदा यह हो सकता है कि रूस, ईरान जैसे देश जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगाए हैं, उन्हें भी आयात-निर्यात में आसानी होगी। हालांकि, RBI के इस फैसले की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि भारतीय कारोबारी इसे कितना लागू करते हैं, क्योंकि अतीत में भी उन्होंने रुपए में कारोबार करने के लिए RBI द्वारा दिए गए प्रोत्साहन को ज्यादा महत्व नहीं दिया है। लोकप्रियता और कीमत के कारण वे केवल डॉलर में व्यापार करना पसंद करते हैं।
Transactions in Rupee: ऐसे होगा फायदा
फियो (फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस) के अध्यक्ष ए. शक्तिवेल ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'पहली बार, दुनिया के किसी भी देश के साथ भारतीय रुपए में व्यापार की अनुमति दी गई है। अभी तक ईरान जैसे देश में ही ऐसी व्यवस्था थी। रूस सहित किसी भी देश के साथ भारतीय निर्यातक अब रुपए में कारोबार कर सकेंगे। इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।'
वहीं फियो के सीईओ और महानिदेशक अजय सहाय का मानना है कि यह भारतीय रुपये के अंतर्राष्ट्रीयकरण की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। अभी कई देशों के पास डॉलर का भंडार नहीं है, ऐसे देश भारत के साथ रुपये में ही कारोबार करेंगे। इससे रूस के साथ व्यापार बढ़ाने का माहौल बनेगा।
निपटान नियम अन्य मुद्राओं के समान होंगे
RBI ने अपने गाइडलाइंस में साफ कर दिया है कि भारतीय रुपए में सेटलमेंट के नियम अन्य मुद्राओं की तरह ही होंगे। भारतीय निर्यातकों को रुपए के मूल्यवर्ग में प्राप्त चालानों के बदले सामान्य रूप से ऋण लेने की सुविधा भी मिलेगी। निर्यातकों को विदेशी खरीदारों से अग्रिम भुगतान लेने का अधिकार होगा। व्यावसायिक लेनदेन के लिए बैंक गारंटी की शर्तें भी फेमा के अंतर्गत शामिल होंगी। RBI ने कहा है कि यह अधिसूचना तत्काल प्रभाव से लागू होगी और अधिकृत डीलरों को इस संबंध में सभी ग्राहकों को जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया है।