September 23, 2024

होलिका दहन 24 मार्च को, जाने मुहूर्त और इससे जुड़े नियम

0

इंदौर
होलिका दहन होली का पहला दिन है। यह पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसके अगले दिन रंगों से खेलने की परंपरा है। जिसे धुलेंडी के नाम से जाना जाता है। होली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की विजय के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। इस साल होलिका दहन 24 मार्च (रविवार) को है। होलिका दहन का मुहूर्त 23.15.58 मिनट से 24.23.27 मिनट तक है। यानी होलिका दहन की अवधि 1 घंटे 7 मिनट तक रहेगी।
 
होलिका दहन शुभ मुहूर्त
फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 09 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगी। यह तिथि 25 मार्च को दोपहर 12:29 बजे समाप्त होगी। ऐसे में 24 मार्च रविवार को होलिका दहन किया जाएगा और 25 मार्च को होली मनाई जाएगी।

होलिका दहन का नियम
फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से फाल्गुन पूर्णिमा तक होलाष्टक माने गए हैं। जिसमें शुभ काम वर्जित रहते हैं। पूर्णिमा के दिन होलिका-दहन किया जाता है। इसके लिए दो नियम ध्यान में रखना चाहिए।

1. भद्रा नहीं होना चाहिए। भद्रा का दूसरा नाम विष्टि करण है। जो 11 करणों में से एक है। एक करण तिथि के आधे भाग के बराबर है।

2. पूर्णिमा प्रदोष काल होनी चाहिए। उस दिन सूर्यास्त के बाद तीन मुहूर्तों में पूर्णिमा तिथि होनी चाहिए।

होली का महत्व
होली का सांस्कृतिक और पारंपरिक महत्व भी है। दिवाली के बाद यह दूसरा सबसे महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। यह त्योहार भारत ही नहीं, बल्कि अन्य देशों में भी मनाया जाता है। होली देखने के लिए कई पर्यटक भारत आते हैं।

होली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है। साथ ही भाईचारे, आपसी प्रेम और सद्भावना का भी प्रतीक है। इस दिन पकवान और खासकर गुजिया बनाई जाती है। होली के दिन भगवान श्री विष्णु की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *